आपकी तकदीर, जो कुछ भी आपके जीवन में होता है. वो भाग्य में ही निहित है. किंतु इसका अर्थ ये नहीं कि जो भाग्य चाहे आपके साथ वही होगा. होगा तो वही जो आप चाहेंगे क्योंकि भाग्य तो सिर्फ एक कारक है. वो तो ईश्वर की ओर से आपके जीवन को चलाने वाला नियामक है.