कश्मीर में जिस बात का डर था. आखिर वही हुआ. रमजान के पाक महीने में आतंकवादियों और पत्थरबाज़ों को रियायत देते हुए संघर्षविराम का ऐलान क्या हुआ. पत्थरबाज़ों की तो मानो मुंह मांगी मुराद ही पूरी हो गई. पाकिस्तान की शह और अलगाववादियों के सहयोग से. कश्मीर में पत्थरबाज ब्रिगेड किस तरह संघर्षविराम का फायदा उठा रही है. और सेना को संघर्षविराम की कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है. ये देखकर हर देशभक्त भारतीय को कश्मीर में सेना के संघर्षविराम के फैसले पर गहरा अफसोस होगा.