फैज अहमद फैज की वो नज्म जो उन्होंने साल 1979 में जनरल जिया उल हक की तानाशाही हूकूमत को आईना दिखाने के लिए लिखी थी. आईआईटी कानपुर के कैंपस में 17 दिसंबर को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान फैज की ये मशहूर नज्म गाई गई. जिसके खिलाफ अब एक जांच समिति बिठा दी गई है. इस समिति पर ये ज़िम्मेदारी है कि वो इस नज्म के हिंदू विरोधी होने के सबूत ढूंढे. ताकि इस नज्म को गाकर नागरिकता कानून का विरोध करने वाले छात्र प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. देखें खबरदार.