दिल्ली में जिस तरह की भयानक हिंसा देखी गई उसमें नेताओं से उम्मीद तो यही रही होगी कि वो दिल्ली के जख्मों पर मरहम लगाएंगे, लेकिन मरहम लगाने से ज़्यादा दिल्ली हिंसा पर अपनी राजनीति का मसाला तैयार किया जा रहा है, जिसका ट्रेलर आज संसद सत्र के पहले दिन दिखा, जब सदन के अंदर ही सांसद भिड़ गए. एक दूसरे पर धक्का-मुक्की के आरोप लगाए, बस एक दूसरे को जमकर पीटना ही बाकी रह गया था .गनीमत रही कि ये लोग इस हद तक नहीं गए, नहीं तो हालात तो सदन के अंदर कुछ ऐसे ही बना दिए गए थे. इस टकराव के संकेत सुबह ही मिल गए थे जब विपक्ष के सांसदों ने दिल्ली हिंसा को लेकर सरकार पर नाकामी के आरोप के साथ गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की.