मोहम्मद अली जिन्ना का जिन्न देश के बंटवारे के 70 साल बाद एक बार फिर बाहर निकल आया है. इस बार हंगामा मचा है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर क्यों लगी है? अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने बंटवारे के जिम्मेदार जिन्ना की फोटो लगे होने का कारण पूछते हुए एएमयू के कुलपति को चिट्ठी लिखी है. हालांकि एएमयू छात्रसंघ की दलील है कि जिन्ना तो 1938 में छात्रसंघ के मानद सदस्य बने थे तो उनकी फोटो लगी रहने में क्या हर्ज है? हालांकि छात्रसंघ से पूछा जा सकता है कि क्या छात्रसंघ ने 1938 के बाद का इतिहास नहीं पढ़ा?वैसे मोदी सरकार आने के बाद एएमयू को लेकर ये पहला विवाद नहीं है. 2016 में मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट में एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे का विरोध तक कर चुकी है. तो उधर अभी फरवरी में एएमयू दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दौरे को लेकर छात्रसंघ ने ये कहकर तनाव पैदा किया था कि किसी संघी मानसिकता वाले को एएमयू में नहीं आने देंगे। हालांकि बाद में राष्ट्रपति एएमयू के दीक्षांत समारोह बिना किसी अड़चन के शामिल हुए थे.