चाल चक्र में जाने किराएदार नहीं, मकान मालिक बनेंगे आप कैसे. संपत्ति के दो अर्थ होते हैं-भूमि और भवन . भूमि के लिए मुख्य रूप से मंगल जिम्मेदार होता है. निर्माण के लिए भी मंगल की भूमिका होती है. भवन के लिए ज्यादातर शुक्र की भूमिका होती है. चौथा भाव और इसका स्वामी भी संपत्ति के लिए महत्वपूर्ण होता है. कुंडली में मंगल की स्थिति मजबूत होने पर. कुंडली के चतुर्थ भाव या इसके स्वामी से संबंध होने पर, कुंडली में अग्नि तत्व की मात्रा मजबूत होने पर, मूलांक 1,4, या 9 होने पर. संपत्ति का सुख मिलता है.