मध्य प्रदेश में टमाटर उगाने वाले किसानों को इस समय भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. बंपर फसल आने के कारण टमाटर की कीमतें गिरकर थोक बाजार में मात्र 2 रुपये प्रति किलो रह गई हैं. इस कारण किसानों को अपनी लागत तक निकालना मुश्किल हो रहा है.
इंदौर की देवी अहिल्याबाई होल्कर फल और सब्जी मंडी राज्य की सबसे बड़ी थोक मंडियों में से एक है. यहां खंडवा जिले से आए किसान धीरज रायकवार ने बताया, 'टमाटर की कीमत इतनी गिर गई है कि हमें फसल की तुड़ाई की लागत भी नहीं मिल पा रही है.' उन्होंने यह भी दावा किया कि कुछ किसानों को अपनी फसल फेंकनी तक पड़ी है, क्योंकि उन्हें खरीदार नहीं मिले.
बंपर उत्पादन से नुकसान
पिछले साल टमाटर के अच्छे दाम मिलने के कारण इस बार किसानों ने बड़े पैमाने पर इसकी खेती की. लेकिन अधिक उत्पादन के कारण मंडियों में भारी मात्रा में टमाटर पहुंच रहे हैं, जिससे कीमतें लगातार गिर रही हैं. धार जिले के किसान दिनेश मुवेल ने बताया कि उन्होंने दो एकड़ में टमाटर की खेती के लिए 2 लाख रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन अब उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
किसानों ने सरकार से टमाटर खरीदने की मांग की
संयुक्त किसान मोर्चा, मालवा-निमाड़ के संयोजक रामस्वरूप मंत्री ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह किसानों को नुकसान से बचाने के लिए उचित दामों पर टमाटर की खरीद करे. उन्होंने कहा, 'हम लंबे समय से सब्जियों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है.'
कोल्ड स्टोरेज की कमी से बढ़ रही समस्या
भारतीय किसान-मजदूर सेना के अध्यक्ष बब्लू जाधव ने कहा कि राज्य के दूरदराज इलाकों में कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग सुविधाओं की कमी है. इसके कारण किसानों को मजबूरी में टमाटर औने-पौने दामों में बेचना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की कि किसानों को राहत देने के लिए भंडारण सुविधाओं का विस्तार किया जाए और उचित मूल्य पर टमाटर की खरीद सुनिश्चित की जाए.
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