मध्य प्रदेश के सतना जिले में सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल में छह बच्चों के HIV पॉजिटिव पाए जाने के मामले में राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई की है. शुरुआती जांच रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉक्टर और दो लैब तकनीशियनों को निलंबित कर दिया गया है. यह कार्रवाई गुरुवार को की गई.
तीन कर्मचारी सस्पेंड
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि, राज्य के लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग ने 16 दिसंबर को इस मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति गठित की थी. समिति की शुरुआती रिपोर्ट में ब्लड ट्रांसफ्यूजन प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही के संकेत मिलने के बाद यह कदम उठाया गया.
रिपोर्ट सामने आने के बाद ब्लड बैंक के प्रभारी डॉक्टर देवेंद्र पटेल और लैब तकनीशियन राम भाई त्रिपाठी तथा नंदलाल पांडे को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा, जिला अस्पताल के पूर्व सिविल सर्जन मनोज शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उनसे लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है.
सिविल सर्जन के खिलाफ भी होगी कार्रवाई ?
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यदि सिविल सर्जन का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, तो उनके खिलाफ भी सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी. सरकार ने इस मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा है कि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
बताया जा रहा है कि 12 से 15 साल की आयु के छह बच्चे अलग-अलग समय पर जिला अस्पतालों में रक्त चढ़ाए जाने के बाद HIV पॉजिटिव पाए गए. ये मामले जनवरी से मई के बीच सामने आए थे. इनमें से कुछ बच्चों को सतना और जबलपुर समेत अन्य जिलों के सरकारी अस्पतालों में रक्त चढ़ाया गया था.
बच्चे के माता-पिता भी HIV संक्रमित
इस मामले ने सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया है. जांच में यह भी सामने आया है कि एक बच्चे के माता-पिता भी HIV संक्रमित पाए गए हैं. हालांकि, अधिकारी यह स्पष्ट कर रहे हैं कि सभी बच्चों का इलाज राष्ट्रीय HIV उपचार प्रोटोकॉल के अनुसार किया जा रहा है.
सरकार ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ब्लड बैंक और ट्रांसफ्यूजन सिस्टम की व्यापक समीक्षा की जाएगी.
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