मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में खेल दिवस के अवसर पर आयोजित कबड्डी मैच ने अचानक सियासी तूल पकड़ लिया है. इस मैच में लड़कों और लड़कियों की टीमें आमने-सामने उतरी थीं. खेल का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, कांग्रेस ने इसे अनुशासनहीनता करार देते हुए आयोजकों पर सवाल खड़े कर दिए.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि लड़कों और लड़कियों का आमने-सामने खेलना अनुशासन के खिलाफ है और यह आयोजन उचित नहीं था. पार्टी का आरोप है कि इस तरह के मैच से गलत संदेश जाता है और आयोजकों को इस पर जवाब देना चाहिए. हालांकि, विवाद के बीच महिला खिलाड़ियों के बयान ने पूरी बहस को नया मोड़ दे दिया.
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महिला खिलाड़ियों ने साफ कहा कि मैच उनकी सहमति से हुआ था और कांग्रेस का आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है. एक महिला खिलाड़ी ने कहा, हम जिला और राज्य स्तर पर भी लड़कों के साथ प्रैक्टिस करते हैं, इसलिए इसमें अनुशासनहीनता जैसी कोई बात नहीं है. खेल को लेकर राजनीति करना गलत है.
एक अन्य खिलाड़ी ने कहा कि वीडियो पर सवाल उठाना ही गलत है क्योंकि मैच उनकी मर्जी से हुआ था. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे विवाद खिलाड़ियों का मनोबल गिराते हैं और खेल की भावना को चोट पहुंचाते हैं. इधर, भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार किया है.
भाजपा नेता अनिल पांडे ने कहा कि कांग्रेस खेल की भावना को राजनीति से जोड़कर बदनाम कर रही है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस को पहले अपने नेताओं के विवादित बयानों पर सफाई देनी चाहिए. पांडे ने पूर्व पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के महिलाओं और शराब को लेकर दिए गए बयान का हवाला दिया और कहा कि कांग्रेस उस पर चुप है, लेकिन बच्चों के खेल को विवाद बनाकर पेश कर रही है.
भाजपा का कहना है कि विपक्ष खेल को राजनीति का मुद्दा बना रहा है, जबकि खेल का असली उद्देश्य अनुशासन, टीम भावना और खिलाड़ियों के उत्साह को बढ़ाना होता है.
मयंक दुबे / रवीश पाल सिंह