मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान शुक्रवार को प्रश्नकाल में एक अनोखी स्थिति देखने को मिली, जब सत्तारूढ़ और विपक्षी बेंचों के एक दर्जन से अधिक विधायक सदन से गैरहाजिर रहे. खास बात यह है कि उनके प्रश्न उत्तर के लिए लिस्ट में शामिल थे.
सदन के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने अंतिम सूचीबद्ध प्रश्न (25वां) के बाद भी एक दर्जन से अधिक सदस्यों का नाम पुकारा, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया.
हाल के समय में यह शायद पहली बार है जब इतने सारे सदस्य प्रश्नकाल के दौरान सदन से गैर हाजिर रहे, जबकि उनके प्रश्न उत्तर के लिए सूचीबद्ध थे.
विधायी कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सदन को सूचित किया कि गैरमौजूदगी की वजह शादियों का सीजन है, जो इस समय चरम पर है.
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों से लोग अपेक्षा करते हैं कि वे इन समारोहों में उपस्थित रहें. उनके लिए अपने क्षेत्र में होने वाले इन आयोजनों में अनुपस्थित रहना कठिन होता है.
मोहन सरकार के कैबिनेट मंत्री विजयवर्गीय ने भविष्य के लिए सुझाव दिया कि विधानसभा के कैलेंडर को शादियों के सीजन को ध्यान में रखकर तैयार किया जाना चाहिए.
गैरहाजिर रहने वाले विधायक
प्रश्नकाल में गैरहाजिर रहने वाले विधायकों में कमलेश्वर डोडियार, कुंवर सिंह टेकाम, राजेंद्र भारती, नरेंद्र सिंह कुशवाह, धीरेंद्र बहादुर सिंह, अरविंद पटेरिया, सतीश मालवीय, राजेश कुमार शुक्ला, मधु भगत, भारोसिंह, मुकेश मल्होत्रा, वीरेंद्र सिंह लोधी, आतिफ अकील और भूपेंद्र सिंह शामिल थे.
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