कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े को लेकर आजतक पर खबर प्रसारित होने के बाद श्योपुर पुलिस एक्शन में आ गई है. बीते 24 घंटे में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में अब तक कुल 9 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
पुलिस ने जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें पहला नाम अभिजीत बंजारा का है, जो छत्तीसगढ़ का निवासी है. अभिजीत पर आरोप है कि उसने आधार कार्ड सेंटर के संचालन से जुड़े लोगों को फर्जी आधार अपडेट करने के लिए आईडी उपलब्ध कराई थी. इसी फर्जी आईडी के सहारे सबलगढ़ में कियोस्क संचालक ने उम्मीदवारों के आधार में गड़बड़ी की.
दूसरा आरोपी अमन तिवारी, जो कि छतरपुर जिले का निवासी है, उसने अपनी आधार अपडेट करने की आईडी इस गिरोह को बेच दी थी, जिसका इस्तेमाल भर्ती परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थियों के पहचान पत्र तैयार करने में किया गया.
पुलिस इस पूरे मामले में तकनीकी जांच के साथ-साथ गिरोह के नेटवर्क को खंगाल रही है. माना जा रहा है कि इस गड़बड़ी में कई राज्यों के लोग शामिल हो सकते हैं और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
मध्य प्रदेश में आयोजित कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में एक बार फिर सॉल्वर गैंग का बड़ा नेटवर्क सामने आया है. अलीराजपुर और श्योपुर जिलों में दस्तावेज जांच के दौरान फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, जिसमें असली अभ्यर्थियों की जगह दूसरे लोगों ने परीक्षा दी थी.
-एमपी पुलिस भर्ती परीक्षा ऑनलाइन फॉर्मेट में पूरे एक महीने तक चली
-12 अगस्त 2023 से 12 सितंबर 2023 तक परीक्षा आयोजित की गई
- लिखित परीक्षा का रिजल्ट 7 मार्च 2024 को आया
- फिजिकल टेस्ट के अंक मिलाकर अंतिम रिजल्ट 12 मार्च 2025 को जारी कर दिया गया
- पूरे मध्यप्रदेश में करीब 7 लाख युवाओं ने कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का फॉर्म भरा था
- इनमें से 7090 लोगों का चयन किया गया
नौकरी की तलाश वाले को ढूंढते हैं सॉल्वर
- पहले सॉल्वर ऐसे लोगों को ढूंढते हैं जिसे नौकरी की तलाश है
- इसके बाद यह तय होता है कि किस अभ्यर्थी के लिए कौन सा सॉल्वर परीक्षा और फिजिकल टेस्ट देगा
- सॉल्वर की रकम तय होने के बाद शुरू होता है आधार कार्ड की बायोमेट्रिक पहचान बदलने का खेल
- इसके लिए गिरोह से जुड़े लोगों के सिस्टम पर आधार कार्ड अपडेट किया जाता है
- इसमें सिर्फ बायोमेट्रिक पहचान बदली जाती है जैसे चेहरा और फिंगर प्रिंट
- आधार कार्ड अपडेट में असली अभ्यर्थी और सॉल्वर के चेहरे को मिलाकर एक फोटो बनाया जाता है जो अभ्यर्थी के चेहरे से मेल खाए
- परीक्षा से पहले बायोमेट्रिक पहचान को बदलकर उसमें सॉल्वर के फिंगर प्रिंट अपडेट किए जाते हैं
- परीक्षा के बाद असली अभ्यर्थी के बायोमेट्रिक पहचान को आधार कार्ड में अपडेट कर दिया जाता है ताकि वो अपने असली स्वरूप में आ जाए
- जॉइनिंग के समय इसी आधार कार्ड की कॉपी जमा करानी होती है ताकि किसी को शक न हो
रवीश पाल सिंह