ग्वालियर में रवाना होते वक्त अमित शाह का खास संवाद, नरोत्तम मिश्रा को बुलाकर कही अहम बात

ग्वालियर दौरे के दौरान होटल से रवाना होते समय गृह मंत्री अमित शाह ने अचानक गाड़ी का दरवाजा खुलवाकर वरिष्ठ भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा को पास बुलाया. फिर दोनों के बीच कुछ सेकंड बातचीत हुई. बातचीत के दौरान नरोत्तम मिश्रा सहमति में सिर हिलाते नजर आए. संवाद के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.

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अमित शाह और नरोत्तम मिश्रा.(File Photo: ITG) अमित शाह और नरोत्तम मिश्रा.(File Photo: ITG)

सर्वेश पुरोहित

  • ग्वालियर,
  • 27 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:04 PM IST

ग्वालियर दौरे पर गए देश के गृह मंत्री अमित शाह के रवाना होते समय एक दिलचस्प और अहम दृश्य सामने आया, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी. होटल ऊषा किरण पैलेस से निकलते वक्त अमित शाह अपनी गाड़ी में बैठ चुके थे और सुरक्षा कर्मियों ने गेट भी बंद कर दिया था. उसी समय अचानक गाड़ी का दरवाजा दोबारा खोला गया.

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इसके बाद पूर्व गृह मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. नरोत्तम मिश्रा को गाड़ी के पास बुलाया गया. यह पूरा घटनाक्रम कुछ ही सेकंड का रहा, लेकिन इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. मौके पर मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं की निगाहें इस संवाद पर टिक गईं.

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अमित शाह और नरोत्तम मिश्रा के बीच बातचीत

जानकारी के मुताबिक, अमित शाह गाड़ी के अंदर आगे की सीट पर बैठे थे. उनके साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे, जो मेला मैदान के लिए रवाना होने वाले थे. इसी बीच अमित शाह ने गाड़ी का गेट खुलवाया और नरोत्तम मिश्रा को पास बुलाया.

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गाड़ी के अंदर अमित शाह और नरोत्तम मिश्रा के बीच कुछ देर बातचीत हुई. बातचीत के दौरान नरोत्तम मिश्रा लगातार गर्दन हिलाते हुए सहमति जताते नजर आए. माना जा रहा है कि अमित शाह ने उनसे 'आकर मुझसे मिलो' जैसा कोई संदेश दिया, जिस पर नरोत्तम मिश्रा ने हामी भरी.

राजनीतिक मायने तलाशे जा रहे

हालांकि इस बातचीत में क्या कहा गया, इसका आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं हो सका है. न ही अमित शाह और न ही नरोत्तम मिश्रा की ओर से इस पर कोई बयान सामने आया है. लेकिन जिस तरह गाड़ी में बैठने के बाद विशेष रूप से नरोत्तम मिश्रा को बुलाया गया, उसने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को तेज कर दिया है.

यह संवाद छोटा जरूर था, लेकिन इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. कई लोग इसे संगठन और सरकार से जुड़े अहम संकेतों से जोड़कर देख रहे हैं. फिलहाल यह पूरा मामला कयासों के बीच बना हुआ है और सभी की नजरें आगे होने वाले घटनाक्रम पर टिकी हुई हैं.

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