MP: श्योपुर में दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने मचाया हाहाकार, नदी-नालों में आए उफान से बने बाढ़ के हालात

श्योपुर की निचली बस्तियों में पानी घुसने से लोगों ने डर और रात जागकर बिताई, क्योंकि 2021 की भयावह बाढ़ की यादें आज भी ताजा हैं. श्योपुर शहर, बड़ौदा कस्बे और अन्य इलाकों से सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. प्रशासन अलर्ट मोड पर है और राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं.

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श्योपुर जिले का जलमग्न एक गांव. श्योपुर जिले का जलमग्न एक गांव.

खेमराज दुबे

  • श्योपुर,
  • 30 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 6:20 PM IST

देश के कई हिस्सों के साथ-साथ मध्यप्रदेश के श्योपुर में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश अब आफत बन गई है. जिले में मूसलाधार बारिश ने हालात बेकाबू कर दिए हैं. सीप, पार्वती और चंबल नदियों के उफान पर आने से कई गांव जलमग्न हो गए हैं. 

श्योपुर की निचली बस्तियों में पानी घुसने से लोगों ने डर और रात जागकर बिताई, क्योंकि 2021 की भयावह बाढ़ की यादें आज भी ताजा हैं. श्योपुर शहर, बड़ौदा कस्बे और अन्य इलाकों से सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. प्रशासन अलर्ट मोड पर है और राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं.

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जिला मुख्यालय श्योपुर में सीप नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है. हरिजन बस्ती, कसाई मोहल्ला समेत कई मोहल्लों में पानी भर गया, जिसके चलते प्रशासन ने तत्काल लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया. रामधर्मशाला और नगर पालिका मैरिज गार्डन में अस्थायी राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां पीड़ितों के लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था की गई है.

बड़ौदा और विजयपुर में भी स्थिति चिंताजनक है. विजयपुर में क्वारी नदी उफान पर है, जिससे पुल पर पानी बह रहा है. सब्जी मंडी और आसपास की दुकानों में पानी भरने से व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है. देखें Video:- 

बड़ौदा कस्बे में नाले उफनने के बाद आवासीय क्षेत्रों में हालात खराब हो गए हैं. यहां एसडीआरएफ की टीम ने 100 से अधिक लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.कलेक्टर अर्पित वर्मा ने देर रात स्थिति का जायजा लिया.

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उन्होंने राहत शिविरों का दौरा किया और बंजारा डैम पहुंचकर सीप नदी की स्थिति का निरीक्षण किया. उन्होंने अधिकारियों को 24 घंटे निगरानी रखने और राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए. देखें Video:- 

विजयपुर में एसडीएम अभिषेक मिश्रा स्वयं निगरानी कर रहे हैं. कलेक्टर ने जिला अस्पताल पहुंचकर सिविल सर्जन को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए.रातभर से जिले में खौफ का माहौल है. लोगों ने घरों की छतों और सुरक्षित स्थानों पर रात बिताई. 

2021 की भयावह बाढ़ को याद कर लोग डरे हुए हैं और प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हैं. हालांकि, अब तक किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है.

पार्वती नदी अपने रौद्र रूप में खतरे के निशान पर बह रही है, जिसके चलते खातोली पुल से कोटा का सड़क मार्ग बंद हो गया है और लगभग 12 गांव बाढ़ से घिर गए हैं. चंबल नदी भी उफान पर होने से नदी किनारे बसे 12 से अधिक गांवों में खतरे की घंटी बज गई है.

प्रशासन ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय बचाव टीमों को अलर्ट पर रखा है. सभी संवेदनशील क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी गई है. साथ ही, जनता से अपील की गई है कि वे अफवाहों से दूर रहें और आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें.

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फिलहाल, सभी की नजर मौसम पर टिकी है. यदि बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो हालात और बिगड़ सकते हैं. प्रशासन पूरी मुस्तैदी से राहत और बचाव कार्य में जुटा है.

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