मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में इन दिनों 'कंबल वाले बाबा' का शिविर चर्चा में है. बाबा गणेश यादव का दावा है कि वे अपने 'चमत्कारी काले कंबल' से हर बीमारी को ठीक कर सकते हैं. उनका कहना है कि उन्हें यह कंबल चार साल की उम्र में माता काली के आशीर्वाद स्वरूप प्राप्त हुआ था. वे किसी भी व्यक्ति पर यह कंबल उढ़ा देते हैं और देवी की कृपा से रोग समाप्त हो जाता है.
बाबा का यह शिविर छिंदवाड़ा के हर्रई में स्थित सूर्या लॉन में लगा, जहां लोग रोजाना इलाज के लिए पहुंचे थे. इनमें लकवा, गठिया और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज शामिल हैं. बाबा का दावा है कि वे अब तक हजारों मरीजों को ठीक कर चुके हैं और देश के विभिन्न जिलों में पांच दिन के शिविर लगाते हैं, वह भी पूरी तरह निशुल्क.
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बाबा बोले- चार साल की उम्र में हमें मिला था ये कंबल
जब कंबल वाले बाबा गणेश यादव से बात की तो उन्होंने कंबल से सभी बीमारियों का इलाज करने का दावा किया. उनका कहना है कि मैं पढ़ा लिखा नहीं हूं, कोई डॉक्टर नहीं हूं. सभी बीमारियों का इलाज कंबल के जरिए होता है. मैं मरीज को कंबल उढ़ाता हूं और माता जी उसे ठीक कर देती हैं. मैं 4 साल का था, तभी मुझे कंबल मिला. मुझे कुछ नहीं पता कि बाबा कैसे बना. तब से मैं ये कर रहा हूं.
बाबा ने कहा कि अभी कम से कम 50 साल होने को आए, मेरी उम्र 55 साल है. माता जी का आशीर्वाद है. मेरे पास कोई मंत्र नहीं है. आपके जैसा ही आदमी हूं. मैं गुजरात का रहने वाला हूं. मैं जिलों में 5 दिन शिविर लगाता हूं. लकवा वाले मरीज मेरे पास ज्यादा आते हैं. जो कमजोर आदमी रहता है, उसको अश्वगंधा देता हूं. लकवा वाले डॉक्टर ने भी हजारों लाखों लेकर जिसे वापस किया, वो भी मेरे पास आते हैं. शिविर पूरी तरह निशुल्क रहता है.
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शिविर में इलाज कराने पहुंचे मरीजों ने क्या बताया?
लकवा से पीड़ित रोहित यादव इलाज कराने छिंदवाड़ा के गोरेघाट से पहुंचे थे. रोहित ने कहा कि बाबा ने कंबल ओढ़ाया है, अब देखते हैं क्या होता है. रोहित से जब पूछा गया कि क्या इससे पहले डॉक्टर के पास इलाज कराने पहुंचे तो उन्होंने इनकार किया. वहीं अर्चना गोले नाम की महिला अपने बच्चे के इलाज के लिए पहुंची थीं.
अर्चना ने भी कहा कि बाबा ने कंबल ओढ़ाया है और कहा है कि एक बार ही कंबल ओढ़ाने से ठीक हो जाएगा. एक अन्य महिला भी अपने बेटे को लेकर शिविर में पहुंची थीं, उन्होंने कहा कि बेटे को बाबा ने कंबल ओढ़ाया है, अब देखते हैं घर जाकर कि क्या होता है, अभी कुछ भी नहीं लग रहा है. सुबह 9 बजे से आए थे, काफी समय हो गया, बहुत परेशानी हुई. हमें कुछ समझ नहीं आया.
जांच करने पहुंची प्रशासन की टीम
शिविर के बारे में जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. नरेश गोन्नाडे ने बताया कि बाबा ने शिविर के लिए प्रशासन से किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली थी. इसलिए शुरुआत में शिविर रोक दिया गया.
बाबा के पास से अश्वगंधा चूर्ण और एक तेल की बोतल जब्त कर जांच के लिए भेजी गई. डॉ. गोन्नाडे ने स्पष्ट कहा कि बिना अनुमति के कोई भी व्यक्ति इलाज या वैद्यकीय शिविर नहीं चला सकता. जांच और अनुमति प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रशासन ने बाबा को अस्थायी रूप से शिविर लगाने की अनुमति दी. इसके बाद बाबा ने दोबारा मरीजों को 'कंबल ओढ़ाकर इलाज' करना शुरू किया था.
पवन शर्मा