MP: छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में एक्शन, श्रीसन फार्मा के फरार मालिकों पर इनाम घोषित

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 'जानलेवा' कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने श्रीसन फार्मास्युटिकल कंपनी के फरार मालिकों पर इनाम घोषित कर दिया है.

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पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए SIT गठिन की है (Photo: Reuters) पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए SIT गठिन की है (Photo: Reuters)

रवीश पाल सिंह

  • छिंदवाड़ा,
  • 08 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:00 PM IST

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 'जानलेवा' कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने श्रीसन फार्मास्युटिकल कंपनी के फरार मालिकों पर इनाम घोषित कर दिया है. आरोपियों की गिरफ्तारी में मदद करने वालों को 20,000 रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा. इसके साथ ही श्रीसन फार्मा कंपनी के फरार मालिकों की गिरफ्तारी के लिए विशेष एसआईटी टीम (SIT) भी गठित की गई है. 

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छिंदवाड़ा जोन के पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) राकेश कुमार सिंह ने घोषणा की कि जो भी व्यक्ति दवा निर्माता कंपनी के फरार आरोपियों की जानकारी देगा या उनकी गिरफ्तारी में मदद करेगा, उसे 20,000 का नकद इनाम दिया जाएगा. पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी.

वहीं, मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने बुधवार को कहा कि उनके राज्य में 20 बच्चों की मौत दूषित कफ सिरप पीने से हुई और इसके लिए तमिलनाडु सरकार की गंभीर लापरवाही जिम्मेदार है. पटेल ने कहा कि यह तमिलनाडु सरकार की ज़िम्मेदारी थी कि राज्य से बाहर भेजी जाने वाली दवाओं की जांच करे. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार भी राज्य में आने वाली दवाओं की रैंडम जांच (random inspection) करती है, लेकिन यह सिरप संयोगवश जांच से छूट गया. 

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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पटेल ने कहा कि हर दवा के बैच के लिए Certificate of Analysis (COA) जारी होना चाहिए. तमिलनाडु सरकार ने कहां गलती की? क्या COA जारी हुआ था या नहीं? कौन अधिकारी जिम्मेदार है, यह जांच का विषय है. ऐसी जहरीली दवाएं राज्य से कैसे बाहर गईं, ये गंभीर लापरवाही है.

बता दें कि कफ सिरप ‘Coldrif’ कांचीपुरम जिले की एक दवा कंपनी द्वारा बनाया गया था, तमिलनाडु के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने 4 अक्टूबर को कहा था कि कंपनी की सुंगुवरचत्रम स्थित यूनिट से लिए गए सैंपल मिलावटी पाए गए, जिसके बाद उत्पादन रोकने के आदेश जारी किए गए. 

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