Kuno से भागी चीता ज्वाला को राजस्थान से किया रेस्क्यू, पार्क के खुले जंगल में छोड़ा

Kuno National Park: मादा चीता ज्वाला मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से करीब 100 किलोमीटर दूर पड़ोसी राज्य राजस्थान में भटक गई थी. वन विभाग की ट्रैकिंग टीम अब उसे रेस्क्यू कर घर वापस ले आई है.

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शावक संग कूनो पार्क से निकल खेतों में जा पहुंची थी ज्वाला. शावक संग कूनो पार्क से निकल खेतों में जा पहुंची थी ज्वाला.

खेमराज दुबे

  • श्योपुर ,
  • 13 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 1:55 PM IST

MP News: कूनो नेशनल पार्क की सीमा लांघकर राजस्थान में पहुंची चीता ज्वाला को वापस लाया गया है. वन विभाग की ट्रैकिंग टीम, वेटरनरी और अन्य विशेषज्ञों ने ज्वाला और उसकी मादा शावक को मध्य प्रदेश के एक गांव से रेस्क्यू किया. इसके बाद दोनों मां-बेटी को कूनो के खुले जंगल में आजाद कर दिया गया.

दरअसल, सोमवार सुबह चंबल नदी पार कर चीता ज्वाला राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले की बालेर रेंज में पहुंच गई थी. जंगल क्षेत्र में घूमते हुए ज्वाला मंगलवार सुबह राजस्थान के बहरावंडा कला थाना क्षेत्र के ग्राम करीरा में पहुंची और वहां भेड़-बकरियों के बाड़े में घुस गई, जहां उसने एक बकरी का शिकार किया.

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इस दौरान ग्रामीण जमा हो गए और गांव में भय का माहौल बन गया. हालांकि, स्थानीय वन विभाग और कूनो की ट्रैकिंग टीम ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया कि चीता इंसानों पर हमला नहीं करता. फिर भी ग्रामीणों में भय और उत्सुकता बनी रही.

वनकर्मियों ने बाड़े से अन्य भेड़-बकरियों को निकाला और कूनो के अधिकारियों को सूचना दी. कूनो की डॉक्टरों की टीम ने ज्वाला को रेस्क्यू किया. साथ ही, ज्वाला की मादा शावक को मानपुर क्षेत्र के पीपड़ीमाड़ इलाके से रेस्क्यू किया गया. देखें Video:-  

मानपुर-गिरधरपुर मार्ग पर पीपड़ीमाड़ के पास एक किसान के खेत से शावक को ट्रैंक्विलाइज कर गाड़ी में रखकर कूनो नेशनल पार्क लाया गया. इसके बाद दोनों मां-बेटी को एक साथ खुले जंगल में छोड़ दिया गया.

प्रोजेक्ट चीता के डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने aajtak को फोन पर बताया कि कूनो की सीमा से बाहर निकली चीता ज्वाला और उसके शावक को हमारी टीम ने रेस्क्यू किया है. ज्वाला चंबल नदी पार कर राजस्थान के गांव में पहुंच गई थी. परिस्थितियों को देखते हुए उसे राजस्थान से रेस्क्यू किया गया.

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वहीं, मध्य प्रदेश की सीमा में ज्वाला से बिछड़े शावक को भी सुरक्षित पकड़कर कूनो लाया गया. फिर दोनों को खुले जंगल में छोड़ दिया गया है.

वर्तमान में कूनो पार्क में 26 चीते हैं, जिनमें 9 वयस्क (6 मादा और 3 नर) और 17 भारत में जन्मे शावक हैं. 26 चीतों में से 16 जंगल में स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं और उन्होंने नेशनल पार्क के आवास के साथ अच्छी तरह से तालमेल बिठा लिया है, सह-शिकारियों के साथ रहना सीख लिया है और नियमित रूप से शिकार कर रहे हैं. इसके अलावा, कूनो पार्क से गांधी सागर अभयारण्य में स्थानांतरित किए गए दो नर चीते भी अच्छा कर रहे हैं.

बता दें कि 17 सितंबर 2022 को 8 नामीबियाई चीतों (5 मादा और 3 नर) को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया. इसके अलावा, फरवरी 2023 में बारह और चीतों को दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया था.

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