मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिला मुख्यालय पर शनिवार को साइबर ठगी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया. ठगों ने इस बार अपना शिकार एक ट्रैफिक कॉन्सटेबल को बनाने की कोशिश की और बेहद संवेदनशील तरीके से डर पैदा कर पैसे ऐंठने का प्रयास किया. हालांकि,कॉन्सटेबल की समझदारी और सतर्कता के चलते ठगी की यह कोशिश विफल हो गई.
जानकारी के अनुसार, ट्रैफिक कॉन्सटेबल आशीष तोमर ड्यूटी के दौरान वाहनों पर चालानी कार्रवाई कर रहे थे. इसी बीच उनके मोबाइल फोन पर एक कॉल आया. कॉल करने वाले व्यक्ति के प्रोफाइल पर पुलिस अधिकारी की तस्वीर लगी हुई थी. कॉलर ने खुद को महाराष्ट्र के पुणे स्थित एक थाने से जुड़ा पुलिस अधिकारी बताया और कहा कि आशीष तोमर का बेटा एक गंभीर अपराध, रेप केस में फंस गया है.
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि आरक्षक आशीष तोमर का बेटा महज तीन साल का है. इसके बावजूद ठग ने बेहद आत्मविश्वास से बात करते हुए कहा कि तुम्हारा बेटा रेप केस में पकड़ा गया है, यदि बेटे को बचाना है तो तुरंत 1 लाख 70 हजार रुपये देने होंगे. पैसे नहीं देने की स्थिति में बच्चे को जेल भेजने की धमकी भी दी गई.
आशीष तोमर ने घबराने के बजाय समझदारी से काम लिया. वे ठग से बातचीत करते रहे और उसी दौरान वहां रुकी एक कार में बैठे परिवार को भी पूरी बातचीत सुनाते गए. उन्होंने लोगों को बताया कि उनका बेटा केवल तीन साल का है और इसके बावजूद फर्जी कॉलर उसे रेप केस में फंसाने की बात कह रहा है. इससे साफ है कि ठग बिना किसी तथ्य के सिर्फ डर पैदा कर लोगों से पैसे ऐंठने की कोशिश कर रहे हैं.
कॉन्सटेबल ने मौके पर मौजूद लोगों से कहा कि इस तरह के कॉल किसी को भी आ सकते हैं और घबराने की बजाय सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से भी आम लोगों को सलाह दी कि किसी भी अनजान या धमकी भरे कॉल पर तुरंत विश्वास न करें. पहले तथ्यों की जांच करें, अपने परिजनों से बात करें और जरूरत पड़ने पर स्थानीय पुलिस या साइबर सेल को इसकी सूचना दें.
अशोक सोनी