मध्य प्रदेश में इस बार पंचायत चुनाव के कुछ नतीजे बेहद दिलचस्प रहे हैं. इन नतीजों में अलीराजपुर की भी खूब चर्चा हो रही है. वजह भी बेहद खास है. एक शख्स ने पंचायत चुनाव की वोटिंग से पहले एक ही मंडप में तीन शादियां की थीं. उनमें से दो पत्नी इस बार चुनाव में जीत भी गईं.
यह चौंकाने वाली कहानी है अलीराजपुर से लगभग 14 किलोमीटर दूर नानपुर गांव में रहने वाला समरथ सिंह मोर्या की. इस साल 30 अप्रैल सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने सकरी (25), मेला (28) और नानी बाई (30) से औपचारिक तौर पर एक ही मंडप में विवाह किया था. पंचायत चुनाव का ऐलान हुआ तो दो पत्नियां सियासी मैदान में थीं. दोनों चुनाव जीतने में कामयाब रहीं.
जीत के बाद समरथ सिंह ने अपनी दोनों पत्नियों के साथ गांव में घर-घर जाकर मतदाताओं का शुक्रिया अदा किया और बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया. समरथ मोर्या नानपुर के सरपंच रहे हैं. उनका कहना है कि उनका परिवार जनता के सुख-दुख में हमेशा साथ रहता है. इस वजह से उन्हें जनता का प्यार मिला. इस बार यह सीट महिला के लिए रिजर्व हो गई तो उन्होंने सकरी बाई को सरपंच पद के लिए खड़ा किया. दूसरी पत्नी मेला बाई को वार्ड नंबर-14 से पंच के लिए उम्मीदवार बनाया.
समरथ मोर्या ने बताया, 'मैं 2002-03 से राजनीति में हूं. 2010 में मैं पंच बना और उसके बाद उप-सरपंच. 2015 में फिर सरपंच बना. अब 2022 में उनकी दोनों पत्नियों ने जीत हासिल की. मेरी तीसरी पत्नी शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी होने के चलते चुनाव नहीं लड़ सकी.'
एक साथ तीन शादियां करने के पीछे भी खास वजह है. आदिवासी भिलाला समुदाय में लिव-इन में रहने और संतान पैदा करने की छूट है. हालांकि जब तक विधि-विधान से शादी नहीं होती, तब तक समाज के मांगलिक कार्यक्रमों में शामिल होने की इजाजत नहीं मिलती है. इसी वजह से 6 बच्चों के होने के बाद समरथ मोर्या ने तीनों लिव-इन प्रेमिकाओं के साथ शादी रचाई थी.
अब आपके जेहन में यह सवाल आ रहा होगा कि क्या इस तरीके की शादी भारतीय कानून में वैध है? तो बता दें कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद-342 आदिवासी रीति-रिवाज और विशिष्ट सामाजिक परंपराओं को सरंक्षण देता है, इसलिए इस अनुच्छेद के अनुसार समरथ की एक साथ तीन दुल्हनों से शादी गैर-कानूनी नहीं मानी जाएगी.
रवीश पाल सिंह / चंद्रभान सिंह भदौरिया