AIIMS भोपाल के डॉक्टरों ने 35 साल के युवक की जटिल सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया है. मरीज पिछले 8 महीनों से पेट के असहनीय दर्द से परेशान था और उसकी जान पर बड़ा खतरा मंडरा रहा था.
जांच में पता चला कि मरीज की पेट की मुख्य महाधमनी (एब्डॉमिनल एऑर्टिक एन्यूरिज्म) में गंभीर सूजन आ गई थी. यह सूजन आंतों और दोनों किडनियों को खून पहुंचाने वाली प्रमुख धमनियों तक फैल चुकी थी.
इस बीमारी के कारण मरीज की बाईं किडनी पहले ही काम करना बंद कर चुकी थी. अगर समय पर सर्जरी न होती, तो महाधमनी कभी भी फट सकती थी, जिससे मौके पर ही मौत होने का डर था.
विशेषज्ञ डॉक्टरों की मौजूदगी में मरीज के पेट और छाती के हिस्से में चीरा लगाकर यह जटिल सर्जरी की गई. इस दौरान सूजनग्रस्त महाधमनी को हटाकर उसकी जगह ग्राफ्ट (कृत्रिम रक्त नली) लगाई गई और खराब हो चुकी बाईं किडनी को भी हटाया गया.
इसके साथ ही दाईं ओर की किडनी और आंतों की प्रमुख धमनियों को भी ग्राफ्ट (कृत्रिम रक्त नली) में ट्रांसप्लांट किया गया, जो एक अत्यंत जटिल प्रक्रिया है. समय रहते यह सर्जरी किए जाने से महाधमनी के फटने जैसे गंभीर खतरे को टालना संभव हो सका.
कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी (CTVS) विभाग अध्यक्ष डॉ. योगेश निवारिया के अलावा डॉ. एम किशन, डॉ. सुरेंद्र सिंह यादव, डॉ. राहुल शर्मा, डॉ. विक्रम वट्टी और डॉ. आदित्य सिरोही ऑपरेशन टीम में शामिल रहे.
वहीं, यूरोलॉजी विभाग से डॉ. माधवन और डॉ. केतन मेहरा, एनेस्थीसिया से डॉ. हरीश और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी से डॉ. अंकित जैन इस सर्जरी में मौजूद रहे.
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