दिल्ली में 21 नवंबर के दिन साहित्य आजतक 2025 का शुभारंभ हुआ. साहित्य के इस महाकुंभ में कई लेखक, संगीतकार और कलाकार आए, जिन्हें देखने लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. 21 नवंबर की शाम सूफी सिंगर वर्षा सिंह धनोआ के नाम रही. उन्होंने अपनी सुरीली आवाज से इवेंट को खास बनाया. वर्षा ने अपने कुछ सूफी गानों को गाया जिससे पूरी शाम यादगार बन गई.
साहित्य आजतक में सजी सूफी संगीत की शाम
वर्षा सिंह धनोआ म्यूजिक इंडस्ट्री में पिछले कई सालों से मौजूद हैं. वो अपने क्लासिकल और सूफी संगीत से कई लोगों का दिल जीत चुकी हैं. ऐसे में जब फैंस को मालूम हुआ कि वो साहित्य आजतक के मंच पर आने वाली हैं, तो उन्हें परफॉर्म करता देखने के लिए फैंस भीड़ लगाकर खड़े हो गए. वर्षा ने आते ही ऑडियंस को अपनी आवाज से इंप्रेस किया. उन्होंने जिस तरह से गानों को गाया और अपनी आवाज का जोर दिखाया, वो देखकर लोग तालियां बजाते रह गए.
अपनी परफॉरमेंस के बीच, वर्षा फैंस से भी मिलने पहुंची. वहां फैंस उनके साथ सेल्फी खिंचाने के लिए इकट्ठा हो गए. लोगों का अपने लिए प्यार देखकर वर्षा भी इमोशनल हो गईं. सिंगर ने कई प्रकार के फोल्क संगीत गाए. इंडियन फोल्क म्यूजिक के साथ-साथ वर्षा को अफगान फोल्क म्यूजिक भी गाते सुना गया.
वर्षा ने ऑडियंस के लिए इस शाम को और भी ज्यादा खास एक अनोखे तरीके से बनाया. इस परफॉरमेंस में उनकी छोटी सी बेटी गुरबानी सिंह धनोआ ने भी अपना सिंगिंग डेब्यू किया. सिंगर और उनकी बेटी ने राजस्थानी फोल्क सॉन्ग 'छोटी सी उम्र' साथ गाया, जिसे सुनते वक्त वहां मौजूद ऑडियंस इमोशनल हो गई. सभी ने वर्षा की बेटी के लिए तालियां भी बजाईं.
सिंगर ने इसी परफॉरमेंस में अपने पॉपुलर फोल्क सॉन्ग 'लंबी जुदाई' से शाम को और भी रंगीन बनाया. इस गाने की फरमाइश खुद ऑडियंस की तरफ से आई, जिसे सुनकर हर किसी का दिल खुश हुआ. वो वर्षा और उनके संगीतकारों की धुन पर झूमते नजर आए. सिंगर ने ये गाना ऑडियंस के बीच पहुंचकर उनके साथ गाया. वर्षा ने साहित्य आजतक की शाम का अंत धूमधाम से किया. उन्होंने जाते-जाते कई जोरदार गाने गाए जिससे फैंस खुशी से नाचने लगे.
aajtak.in