अगर आप नाटकों के प्रेमी हैं तो 'साहित्य आजतक' आप को इसके लिए भी मौका मुहैया करा रहा है. 'साहित्य आजतक 2018' में शब्द, साहित्य और सुरों का ही महाकुंभ नहीं वरन रंगमंच का मेला भी सज रहा है. यहां इस साल दो बड़े नाटकों का मंचन हो रहा, जिसमें एक उर्दू की नामचीन शख्सियत मिर्जा गालिब की जिंदगी पर है तो दूसरी पंजाबी की रुमानी लेखिका अमृता प्रीतम और मशहूर शायर गीतकार साहिर लुधियानवी की प्रेम कहानी पर.
प्लेः गालिब इन देल्ही- मिर्जा ग़ालिब को कौन नहीं जानता. गालिब किसी एक रंग, एक एहसास से बंधे शख्स नहीं, उनकी शायरी इंसानियत की खुशबू से सराबोर है...पर क्या होता गर गालिब इन दिनों दिल्ली आ जाते. ’होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा में मेरे आगे’, मिर्ज़ा ग़ालिब ने ये शेर चाहे जिस वजह से कहा हो पर नाटक 'गालिब इन देल्ही' उनके ऐसे ही शेर को जिंदा करता है. यह अब तक सबसे लंबे समय तक चलने वाले नाटकों में से एक है और 1997 से खेला जा रहा है.
ये भी पढ़ें- साहित्य आजतक 2018: इस साल और भी बड़ा, और भी भव्य
प्लेः एक मुलाकात- अपनी आत्मकथा रसीदी टिकट में अमृता प्रीतम ने साहिर लुधियानवी से अपने प्रेम को आकाश गंगा बताया था. ‘एक मुलाकात’ नाटक में शायर साहिर लुधियानवी और अमृता प्रीतम की प्रेम कहानी के अनगिनत हिस्सों को दिखाया गया है. खास बात यह कि अमृता प्रीतम के किरदार को बड़े पर्दे पर अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकी दीप्ति नवल ने निभाया है, तो साहिर लुधियानवी के किरदार को शेखर सुमन निभा रहे हैं. यह शो कई बड़े शहरों में काफी चर्चित रहा है. इसके टिकट भी काफी महंगे रहे हैं, पर साहित्य आज तक में यह शो आपके लिए बिल्कुल फ्री है.
देवांग दुबे गौतम