राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में साहित्य आजतक का आगाज हो गया है. साहित्य, गीत-संगीत और कला-अभिनय के इस सबसे बड़े महाकुंभ का पहला सत्र कवि कुमार विश्वास का है.
जहां वह 'अपने-अपने राम' सेशन में रामकथा सुना रहे हैं. साहित्य से जुड़े इस सबसे बड़े आयोजन में अब तीन दिन होगी बैठकी, बतकही और बहुत सारी बातें.
कली पुरी ने किया तीन दिवसीय साहित्य आजतक का उद्घाटन
साहित्य आजतक के कार्यक्रमों की शुरुआत करते हुए इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि, साहित्य आजतक का उत्सव मोहब्बत के हर अहसास का है. इस दौरान उन्होंने कहा कि जीवन कितना अप्रत्याशित है, और इस साल की तमाम घटनाएं यह बताती हैं कि 'जिंदगी एक सफर है सुहाना, यहां कल क्या हो किसने जाना.' उन्होंने कहा कि जिंदगी नाजुक है और मजबूत रिश्ते ही इसे संवारते हैं. साहित्य इसका जरिया बनता है.
भारत के सबसे तेज और सबसे बड़े हिंदी न्यूज चैनल 'आज तक' की ओर से आयोजित हो रहे इस महाइवेंट में कब क्या-क्या होने वाला है, आइये देते हैं आपको इसकी पूरी जानकारी और बताते हैं पूरा शेड्यूल
कुमार विश्वास, मालिनी अवस्थी और नेहा कक्कड़... मिस न करें ये इवेंट
इस बार तमाम दिग्गजों के बीच आपके लिए खास आकर्षण का केंद्र हैं कवि कुमार विश्वास. हाल के दिनों में उन्होंने रामकथा पर आधारित अपनी स्टेज प्रस्तुति 'अपने-अपने राम' के जरिए जहां खुद की नई पहचान गढ़ी है, वहीं युवाओं तक श्रीराम और रामकथा के आदर्श के साथ उसके मर्म को पहुंचाने का काम किया है.खास बात है कि साहित्य आजतक में कुमार विश्वास तीनों दिन (21, 22 और 23 नंवबर) को शिरकत करने वाले हैं और अपनी अलग-अलग प्रस्तुतियों के साथ दर्शकों से मुखातिब होने वाले हैं.
इसके अलावा लोक गायिका मालिनी अवस्थी एक खास सेशन मे आपसे लोक की खुश्बू के साथ रूबरू होंगी.साहित्य आजतक के आखिरी दिन सिंगर नेहा कक्कड़ भी अपनी गायकी का जादू बिखेरेंगी..
तीन ताल बिखेरेगा जादू
साहित्य आज तक 2025 में इस बार तीन ताल का अनोखा अंदाज़ गूंजने वाला है. ताऊ, खान चा और सरदार- तीन अलग सुर, लेकिन एक ही ताल, लेकर आ रहे हैं ज़िंदगी, समाज और सियासत पर अपनी वही दिलचस्प, बेबाक और हंसी से भरी बातचीत! यह सिर्फ़ पॉडकास्ट नहीं, बल्कि जिंदगी का एक अनुभव है. जहां हर बात में होती है ठिठोली, हर मज़ाक में छुपा होता है मतलब, और हर तर्क के पीछे झलकती है सच्चाई. तीन ताल के तीन तालियों से मंच पर रूबरू होना एक अलग ही समां बांधेगा.
अल्ताफ राजा, जसबीर जस्सी, राहगीर, लक्ष माहेश्वरी और भी बहुत कुछ
तीन दिन के इस आयोजन में आपको बॉलीवुड की भी खूबसूरत झलक देखने को मिलेगी. न सिर्फ देखने बल्कि सुरलहरियों में खो जाने का मुफीद मौका भी होगा. जहां नेहा कक्कड़ के गीत आपको झूमने पर मजबूर करेंगे तो वहीं सिंगर अल्ताफ राजा के साथ, 'तुम तो ठहरे परदेशी' गुनगुनाने का मौका मिलेगा. यानी 90s के नॉस्टेल्जिया से आज के दौर तक के संगीत का भरपूर इंतजाम है. जसबीर जस्सी के पंजाबी गाने, हरगुन कौर की सूफियाना आवाज आपको अलग ही आनंद का अहसास कराएगी.
| समय | सत्र | वक्ता |
|---|---|---|
| 12:00–12:10 | वेलकम एड्रेस | कली पुरी, वाइस चेयरपर्सन, इंडिया टुडे ग्रुप |
| 12:10–14:00 | अपने-अपने राम | कुमार विश्वास – कवि, लेखक और मोटिवेशनल स्पीकर |
| 14:15–15:00 | स्वयं से साक्षात्कार | प्रेम रावत – लेखक एवं शिक्षाविद |
| 15:30–16:30 | तुम तो ठहरे परदेसी… | अल्ताफ राजा – सिंगर |
| 16:30–17:15 | तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा!!! | पीयूष मिश्रा – अभिनेता व सिंगर (उनकी किताब के अंग्रेज़ी संस्करण का विमोचन) |
| 17:15–19:15 | अख्तरी… उफ़ ये फ़साना!! | मालिनी अवस्थी – पद्मश्री, लोकगायिका, लेखिका- चंदन किवाड़; यतीन्द्र मिश्रा – कवि व लेखक- लता सुरगाथा |
| 20:00–22:00 | सामान से लंबी जुदाई तक… एक सुरमई शाम | वर्षा सिंह धनोआ – सिंगर |
| समय | सेशन | वक्ता/ प्रतिभागी |
|---|---|---|
| 13:00–14:00 | तेरे वास्ते… एक म्यूज़िकल शो | अल्तमश फरीदी – सिंगर |
| 14:00–15:00 | राहगीर लाइव | राहगीर – कवि व सिंगर |
| 15:00–15:30 | किताब़ी गुफ्तगू, क्योंकि बात करना जरूरी है... | नमिता दुबे – अभिनेत्री व रिव्यूअर स्मृति नौटियाल – रिव्यूअर |
| 15:30–17:00 | दास्तान-ए-गुरु दत्त | फौज़िया दास्तानगो और सिंगर लतिका जैन |
| 17:00–17:30 | चिक्का ऑन रोल – बातों की बात | रुचिका लोहिया – कवयित्री व परफ़ॉर्मर |
| 17:30–18:15 | जो हमने दास्तान अपनी सुनाई – संस्मरण लेखन की चुनौतियां | सीमा कपूर (एक्ट्रेस व लेखक) लीलाधर मंडलोई (कवि व लेखक) यतीश कुमार (लेखक) |
| 18:15–20:00 | ऑपरेशन सिंदूर – वीर रस कवि सम्मेलन | कर्नल वी.पी. सिंह, कमांडर समोद सिंह, मदन मोहन समर, कविता तिवारी, विनीत चौहान, मनीष मधुकर |
| समय | सत्र | वक्ता/प्रतिभागी |
|---|---|---|
| 15:00–16:00 | हिंदी साहित्य की नई पहचान – बेज़ुबानों की ज़ुबान | मनीषा कुलश्रेष्ठ (लेखिका) निधि अग्रवाल (लेखिका) अमित तिवारी (लेखक) |
| 16:00–17:00 | भाषा और साहित्य के क्षेत्रीय सवाल | एसआर. हरनोट (लेखक) उर्मिला शिरीष (उपन्यासकार) विकास झा (पत्रकार और लेखक) डॉ. चंद्र शेखर होता (लेखक) |
| 17:00–18:00 | भारत में भाषा के सवाल | प्रो. कुमुद शर्मा (वीसी, महात्मा गांधी इंटरनेशनल हिंदी यूनिवर्सिटी वर्धा) मनु दास (कवि) अनंत विजय (लेखक-पत्रकार) |
| 18:00–19:00 | ताज़ा-ताज़ा इश्क़ | अनुपमा राग – सिंगर |
स्टेज 1 – हल्ला बोल चौपाल
| समय | सेशन | वक्ता/प्रतिभागी | परिचय |
|---|---|---|---|
| 11:00–12:30 | अपने-अपने राम | कुमार विश्वास | कवि, लेखक एवं मोटिवेशनल स्पीकर |
| 12:30–13:15 | हां हम बिहारी हैं जी | मनोज तिवारी | गायक एवं सांसद |
| 13:15–14:00 | स्वरांजलि टू सिंगर जुबिन गर्ग | पापोन, ज़ुबली बरुआ |
सिंगर, सिंगर |
| 14:00–14:45 | उनसे जाके कह दो… | जुस्त | सिंगर एवं गीतकार |
| 14:45–15:30 | जूते फटे पहन के आकाश पे चढ़े थे… | मनोज मुंतशिर शुक्ल | लेखक, कवि एवं गीतकार |
| 15:30–16:30 | तुमसे मिल के… ऐसा लगा तुमसे मिल के… | सुरेश वाडकर | गायक, पद्मश्री एवं संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित |
| 16:30–18:00 | हरगुन कौर LIVE | हरगुन कौर | सिंगर |
| 20:00–22:00 | जश्न-ए-जस्सी | जसबीर जस्सी | सिंगर |
दूसरे दिन 22 नवंबर 2025 को स्टेज 2 – दस्तक दरबार का शेड्यूल
| समय | सेशन | प्रतिभागी | परिचय |
|---|---|---|---|
| 12:00–13:00 | अधिकार, समानता और न्याय | डॉ. अरुणा रॉय, प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल, डॉ. रीतिका खेड़ा |
सामाजिक कार्यकर्ता व लेखिका लेखक व आलोचक अर्थशास्त्री व प्रोफेसर |
| 13:00–13:30 | फ़िरदौस की दुनिया: तो एक दिन उसने मुझसे कहा… | शची पाठक 'फ़िरदौस' | कवयित्री एवं परफ़ॉर्मर |
| 13:30–14:00 | चुनौतियां – पब्लिक, पॉलिटिक्स और पत्रकारिता की… | हरिवंश | राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन एवं लेखक |
| 14:00–14:45 | सिनेमा के आम आदमी का स्मृति कोष… | अमोल पालेकर संध्या गोखले |
अभिनेता–निर्देशक लेखिका–स्क्रिप्ट राइटर–वकील |
| 14:45–15:45 | इश्क़ है… | प्रिया मलिक | कवयित्री एवं आर्टिस्ट |
| 15:45–16:30 | भारतीयता के नायक–खलनायक | पवन के. वर्मा डॉ. विक्रम सम्पत हिंदल सेनगुप्ता |
लेखक–राजनयिक इतिहासकार इतिहासकार–लेखक |
| 16:30–18:00 | सूफ़ियाना रंग में इश्क़ के 7 पड़ाव (मरहम ग्रुप) | दिव्या बत्रा, सौम्यदीप दासगुप्ता |
सूत्रधार–कवयित्री सिंगर |
| 18:00–18:45 | आओ बुन लें अपनी सरगम… | सुरेश वाडकर आशुतोष अग्निहोत्री श्रेयस पुराणिक |
सिंगर, पद्मश्री एवं संगीत नाटक अकेडमी अवॉर्ड से सम्मानित IAS–कवि सिंगर–संगीतकार |
| 18:45–20:00 | ये शाम सूफ़ियाना… | कुमार सत्यम् | सिंगर एवं परफ़ॉर्मर |
| समय | सत्र का शीर्षक | प्रतिभागी | परिचय |
|---|---|---|---|
| 12:00–13:00 | कवि सम्मेलन – कविता की नई बहार… | स्वयं श्रीवास्तव, वरुण आनंद, अभिसार शुक्ला, मनु वैशाली, मनीषा दुबे, कायनात शाहिदा | कवि |
| 13:00–14:00 | लेखन के सरोकार – हम लिखते क्यों हैं | धर्मबीर सिन्हा सतीश सिंह केडी. सिंह |
पत्रकार–लेखक पूर्व पत्रकार–लेखक लेखक |
| 14:00–15:00 | सायको शायर LIVE | सायको शायर अभि मुंडे | कवि एवं परफ़ॉर्मर |
| 15:00–16:00 | साहित्य–संस्कृति: कितनी खास, कितनी आम | अशोक कुमार बल डॉ. संध्या पुरेचा सुंदीप भूटोरिया |
लेखक–पूर्व IRS अधिकारी संगीत नाटक अकादमी की चेयरपर्सन–नृत्यांगना, कोरियोग्राफर, लेखक लेखक–सामाजिक कार्यकर्ता |
| 16:00–17:00 | दास्तान-ए-साहिर | हिमांशु बाजपेयी, प्रज्ञा शर्मा | दास्तानगो |
| 17:00–18:00 | इश्क़, कविता और सुकून | बद्री नारायण राजेश तैलंग नीरज पांडेय |
TISS के वाइस चांसलर, साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कवि कवि–अभिनेता उपन्यासकार–गीतकार, स्क्रीनराइटर |
| समय | सत्र का शीर्षक | प्रतिभागी | परिचय |
|---|---|---|---|
| 11:00–12:30 | अपने–अपने राम | कुमार विश्वास | कवि, लेखक एवं मोटिवेशनल स्पीकर |
| 12:30–13:15 | क्योंकि स्मृति लेखक भी हैं… | स्मृति ईरानी | अभिनेत्री, लेखिका एवं राजनेता |
| 13:15–14:00 | दिल से जो बात निकलती है… असर रखती है… | इमरान प्रतापगढ़ी | शायर एवं राज्यसभा सदस्य |
| 14:00–14:45 | पाताल लोक का परमानेंट निवासी | जयदीप अहलावत | अभिनेता |
| 14:45–15:30 | सैंयारा तू तो बदला नहीं है… | इरशाद कामिल | कवि एवं गीतकार |
| 16:00–17:00 | एक सूफ़ियाना शाम… | देवेशी सहगल | सिंगर |
| 17:00–17:45 | जाने दे से पहले भी मैं तक… एक खूबसूरत सफ़रनामा… | विशाल मिश्रा | सिंगर एवं कंपोजर |
| 17:45–18:30 | इश्क़ के राजकुंवर की वापसी… | चेतन भगत | लेखक, कॉलमिस्ट एवं यूट्यूबर (बुक रिलीज) |
| 20:00–22:00 | ग्रैंड फिनाले | नेहा कक्कड़ | सिंगर एवं परफ़ॉर्मर |
| समय | सेशन | वक्ता/ प्रतिभागी | परिचय |
|---|---|---|---|
| 12:00–12:45 | लोकतंत्र – संसद से सड़क तक | शाहिद सिद्दीकी नीरजा चौधरी राजदीप सरदेसाई |
लेखक–पत्रकार लेखिका–संपादक–पत्रकार लेखक–एंकर–रिपोर्टर |
| 12:45–13:30 | आओ बदलें अपना जीवन… मन, आत्मा और मोक्ष की बातें | साध्वी भगवती सरस्वती | आध्यात्मिक गुरु, बेस्ट सेलिंग लेखिका, स्टैनफ़ोर्ड साइकोलॉजिस्ट, प्रेसिडेंट डिवाइन शक्ति फ़ाउंडेशन, इंटरनेशनल डाइरेक्टर परमार्थ निकेतन (ऋषिकेश) |
| 13:30–14:30 | किस्से और कहानियां… | दिव्य प्रकाश दुबे | उपन्यासकार, स्क्रिप्ट राइटर और स्टोरीटेलर |
| 14:30–15:15 | श्श्श… चुप रहना मना है |
डॉ. तनया नरेंद्र
डॉ. किरण सेठी |
सेक्सुअल हेल्थ एक्सपर्ट व लेखिका (MBBS, MSc लेखिका 'Everything Nobody Tells You About Your Body' त्वचा विशेषज्ञ एवं वेलनेस एक्सपर्ट |
| 15:15–16:00 | आलोकनामा | आलोक श्रीवास्तव | शायर, गीतकार एवं परफ़ॉर्मर |
| 16:00–17:00 | तीन ताल | कमलेश किशोर सिंह आसिफ़ खान कुलदीप मिश्रा |
पत्रकार, कॉलमिस्ट और स्टोरीटेलर पत्रकार पत्रकार |
| 17:00–18:00 | चाय सी मुहब्बत… | परितोष त्रिपाठी | कवि एवं अभिनेता |
| 18:00–19:00 | इश्क़ सूफ़ियाना… | लक्ष माहेश्वरी | आर्टिस्ट एवं स्टोरी आर्कियोलॉजिस्ट |
| 19:00–20:00 | ग्रैंड मुशायरा | शकील आज़मी अज़हर इक़बाल शबीना अदीब शारिक कैफ़ी ज़ुबैर अली ताबिश अज़्म शाकरी |
शायर और गीतकार, शायर |
| समय | सत्र का शीर्षक | प्रतिभागी | परिचय |
|---|---|---|---|
| 12:00–12:45 | खोलिए ताले अपनी ज़िंदगी के… | सज्जन यादव रत्नेश्वर नवीन चौधरी |
IAS, लेखक मोटिवेशनल स्पीकर–लेखक लेखक |
| 12:45–13:30 | गीत गाता हूं मैं… गुनगुनाता हूं मैं… | माधव कौशिक ओम निश्चल नितीश्वर कुमार प्रो. संगीत रागी |
कवि–लेखक–अध्यक्ष (साहित्य अकादेमी) कवि–आलोचक–लेखक IAS-कवि–लेखक कवि–लेखक |
| 13:30–14:00 | नया ज़माना, नई चुनौती, नई रणनीति | विजेंद्र चौहान | मोटिवेशनल गुरु और Look Around के लेखक |
| 14:00–14:45 | कहानियों का असीमित संसार – पुराण से विज्ञान तक | गीता श्री मेहर वान अनिमेष मुखर्जी |
लेखिका–पत्रकार–रमानाथ गोयनका पुरस्कार सम्मानित लेखक लेखक |
| 14:45–15:30 | हिंदी लेखन में आपबीती… | प्रभात रंजन लक्ष्मण यादव जुवी शर्मा |
लेखक लेखक कवयित्री–लेखिका |
| 15:30–16:00 | कुछ कहानियां… | याह्या बू़टवाला | अभिनेता, कवि, कहानीकार, गीतकार, लेखक |
| 16:00–17:00 | उर्दू अदब का नया शहंशाह… | प्रो. खालिद जावेद | प्रसिद्ध उर्दू लेखक (आख़िरी दावत, नेमतखाना, मौत की किताब) |
| 17:00–18:00 | कविता में स्त्री – बदलते समय की आवाज | सुमन केशरी अनामिका सविता सिंह |
कवयित्री–लेखिका साहित्य अकादेमी सम्मानित लेखिका कवयित्री–लेखिका |
साहित्य के महाकुंभ 'साहित्य आज तक' में अभी रजिस्टर करें.
तारीख: 21, 22 और 23 नवंबर, 2025
आयोजन स्थल: मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम,नई दिल्ली
रजिस्ट्रेशन के लिए वेबसाइट: aajtak.in/sahitya
aajtak.in