Sahitya Aajtak 2025: राजधानी दिल्ली में साहित्य के सितारों के महाकुंभ यानी साहित्य आजतक 2025 का आज आखिरी दिन है. इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में हो रहा है. देश के मशहूर लेखक चेतन भगत ने अपनी मौजूदगी से इस कार्यक्रम को खास बनाया. उनके सेशन का नाम था- 'इश्क के राजकुंवर की वापसी'. इस दौरान चेतन भगत ने अपनी नई किताब 12 Years: My Messed-Up Love Story पर भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि ये किताब उनकी 'हाफ गर्लफ्रेंड' या 'टू स्टेट्स' किताब से बिल्कुल अलग है.
इस किताब का नायक 33 साल का एक तलाकशुदा लड़का है, जो स्टैंडअप कॉमेडियन है. और उसकी 21 साल की एक गर्लफ्रेंड है, जो फाइनेंस सेक्टर में काम करती है. यह किताब इन्हीं के रिश्ते पर आधारित है. चेतन भगत ने कहा कि यह किताब नए दौर के रिश्तों की तस्वीर है. उन्होंने इस रिश्ते को 'सिचुएशनशिप' नाम दिया है जहां दो लोग रिश्ते में तो हैं, लेकिन वो खुद कन्फ्यूज हैं कि उन्हें इस रिश्ते में होना चाहिए या नहीं.
चेतन भगत ने बताया कि 50 साल की उम्र में इस लव स्टोरी को नए जमाने के लोगों या Gen-Z जेनरेशन तक पहुंचाना मेरे लिए एक बड़ी चुनौती थी. लेकिन फिर मुझे समझ आया कि लोगों के साथ जुड़ने के लिए उम्र मायने नहीं रखती है. उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी पार्टी के मुख्य प्रतियोगी से ज्यादा उम्रदराज हैं. इतना ही नहीं, बिहार इलेक्शन में भी हमने देखा कि नीतीश कुमार की उम्र तेजस्वी से कहीं ज्यादा है. इसका मतलब है कि एज सिर्फ एक नंबर ही है.'
चेतन भगत ने बताया कि उनकी उम्र करीब 50 साल है और नई पीढ़ी के लिए यह किताब लिखना उनके लिए बहुत मुश्किल था. उन्होंने कहा कि जब हम खुद को सर्वश्रेष्ठ मानकर दूसरों को कमजोर समझने लगते हैं तो वहीं हमारी पकड़ कमजोर हो जाती है. मैंने ऐसा नहीं किया और तब मेरे अंदर इसे लिखने का विश्वास पैदा हुआ. मैंने इस जेनरेशन को समझने की कोशिश की और कहानी के साथ पूरा इंसान किया. नतजीन, मुझे कामयाबी मिली और आज यंग जेनरेशन इस किताब को पढ़ रही है.
कैसे आया किताब लिखने का आइडिया?
चेतन भगत ने साहित्य आजतक के मंच पर कहा कि लव स्टोरी की सबसे बड़ी समस्या ये होती है कि सारी लव स्टोरीज एकजैसी होती हैं. लेकिन इस लव स्टोरी में नई बात ये है कि यहां कपल्स ही कन्फ्यूज हैं कि उन्हें इस रिश्ते में होना चाहिए या नहीं. जब ये बात मेरे जेहन में आई, तब मैंने इस किताब को लिखना शुरू किया.
क्या फिर किताब पर बनेगी फिल्म?
चेतन भगत ने बताया कि मैं जब भी कहीं जाता हूं तो लोग अक्सर मुझसे ये पूछते हैं कि क्या इस किताब पर फिल्म बन रही है. तब मैं उन्हें एक ही बात कहता हूं कि मुझे इस बात से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. यह स्क्रीन और एआई का दौर है और इसमें एक आदमी जो किताब लिख रहा है, उसे पढ़कर लोग खुश हैं. मेरे लिए यह फिल्म बनने से ज्यादा बड़ी बात है. मेरी प्राथमिकता किताबे हैं. फिल्में एक साइड बिजनेस हो सकती हैं.
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