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साहित्य आजतक

बाबा बुल्ले शाह के गीतों से जसबीर जस्सी ने बनाया 'साहित्य आजतक' की शाम को यादगार

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:56 PM IST
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साहित्य आजतक 2025 का आज दूसरा दिन था, जो एक शानदार नोट पर खत्म हुआ. इवेंट का समापन एक शानदार म्यूजिकल अंदाज में किया गया. 

Photo Credit: Arun Kumar

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फेमस पंजाबी सिंगर जसबीर जस्सी ने साहित्य आजतक की शाम को अपनी दमदार परफॉरमेंस से खास बनाया. वैसे तो उनके कई गाने आज भी 90s और जेन-जी किड्स के फेवरेट हैं. 

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मगर साहित्य आजतक की शाम को खास बनाने के लिए जसबीर ने बाबा बुल्ले शाह के पंजाबी फोल्क गानों को सूफी अंदाज में ऑडियंस के सामने पेश किया. उनकी मधुर आवाज ने वहां मौजूद लोगों का दिल जीता.

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जसबीर की परफॉरमेंस के बीच फैंस ने भी उन्हें काफी सपोर्ट किया. वो सिंगर के गानों की ताल के साथ ताल मिलाते-मिलाते ताली बजाते नजर आए.

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जसबीर ने 'मौसे नैना मिलाए के', 'अंखियां उड़ीक दियां', 'मेरा पिया घर आया', 'नित खैर मंगा', 'ओ लाल मेरी...' जैसे सूफी गानों को गाया, जिसका वो साथ ही साथ मतलब भी समझाते गए. सिंगर ने पूरी कोशिश की कि उनकी परफॉरमेंस हर कोई एन्जॉय कर सके. 

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सिंगर ने इसी बीच 'लौंग दा लश्कारा', 'दिल ले गई कुड़ी', एक कुड़ी जैसे अपने सुपरहिट गाने भी गाए जिसके बाद वहां मौजूद हर कोई झूम उठा. इन गानों के दौरान सिंगर का जोश देखने लायक था.

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जसबीर ने 'जश्न-ए-जस्सी' में कई यादगार मोमेंट्स दिए. उन्हें सुनकर लोगों का दिल बेहद खुश हुआ. सभी ने जसबीर की परफॉरमेंस खत्म होने के बाद, उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन दिया. 

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जसबीर ने अपनी परफॉरमेंस में पंजाबी संगीत के साथ बॉलीवुड स्टाइल मिलाकर पूरी शाम का समा बांध दिया. बता दें कि साहित्य आजतक 2025 का आयोजन दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में हो रहा है. ये इवेंट 21 से 23 नवंबर, तीन दिनों तक जारी रहेगा. 

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