आजतक के मंच पर साहित्य के सितारों का महाकुंभ जारी है. साहित्य आजतक के डिजिटल संस्करण e-साहित्य आजतक के मंच पर दूसरे दिन गीतकार मनोज मुंतशिर ने शिरकत की. इस दौरान कोरोना वायरस और लॉकडाउन पर बोलते हुए मनोज मुंतशिर ने कहा कि मजदूरों के पलायन का नुकसान पूरे देश को चुकाना होगा. ये ईश्वर के हाथ हैं जो हमें फिर बनाएंगे. उनका कहना है कि मजदूरों की मदद कोई नहीं कर सकता. मनोज मुंतशिर का दावा है कि कोई भी फिल्म सिर्फ हिंदी फिल्म नहीं है. हिंदी और उर्दू को आप अलग कैसे कर सकते हैं. उर्दू की खासियत है कि वह संस्कृत के शब्दों को भी अपने में समो लेती है. भाषा कोई बैरियर नहीं है. बाहुबली के लिए मैंने संस्कृतनिष्ठ शब्दों का प्रयोग किया. देखिए वीडियो.