लॉकडाउन में पत्नी की खूबसूरती पर कवि सुरेंद्र शर्मा ने लिखी ये कविता

सुरेंद्र ने हंसी के तान छेड़ते हुए बताया कि किस तरह घर में पतियों को सोते हुए भी सावधान रहने की जरूरत है कि कहीं ऐसा ना हो कि नींद में किसी और का नाम मुंह से निकल जाए.

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सुरेंद्र शर्मा सुरेंद्र शर्मा

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2020,
  • अपडेटेड 7:55 AM IST

लॉकडाउन के दौरान कोरोना वॉरियर्स लगातार अपनी जान को जोखिम में डाल कर देशवासियों की जान की हिफाजत कर रहे हैं. इनमें डॉक्टर्स, पुलिस अफसर, सफाई कर्मी और ऐसे न जाने कितने ही विभाग शामिल हैं. जाहिर तौर पर इसमें वो मीडिया भी शामिल है जो देशभर का हाल जनता तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. इसी बीच हर साल की तरह साहित्य आज तक एक बार फिर दर्शकों के लिए वापस आ गया है.

हालांकि इस बार का कलेवर थोड़ा बदला हुआ है और सब कुछ डिजिटल है. लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर और तकनीक का बेजोड़ इस्तेमाल करते हुए तमाम दिग्गज स्क्रीन पर नजर आए. इस क्रम में शुक्रवार को हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा ई-साहित्य आज तक का हिस्सा बने. मॉडरेटर सईद अंसारी के साथ बातचीत में सुरेंद्र ने तमाम चुटकुले और हास्य कविताएं सुनाईं, साथ ही कुछ गंभीर मुद्दों पर भी अपनी राय रखी.

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सपने में भी पति सावधान रहें

सुरेंद्र ने हंसी के तान छेड़ते हुए बताया कि किस तरह घर में पतियों को सोते हुए भी सावधान रहने की जरूरत है कि कहीं ऐसा ना हो कि नींद में किसी और का नाम मुंह से निकल जाए. सुरेंद्र ने कहा कि एक रोज उन्हें अपनी पत्नी की तारीफ करना भी भारी पड़ गया. उन्होंने अपनी पत्नी की तारीफ करते हुए कहा कि... पत्नी जी आपका इरादा बहुत नेक है, तू सैकड़ों में एक है. इस पर उनकी पत्नी ने उनसे पूछा कि बाकी सब छोड़ो ये बताओ कि बाकी की 99 कौन हैं.

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सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि ये हालात है इसलिए पति बेचारा पत्नी के गुण भी नहीं गा सकता है. उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी की एक चौपाई ने देश भर के पुरुषों को बहुत परेशान कर रखा है और कोई भी पुरुष महिला के लिए ये चौपाई नहीं गा सकता है. ये चौपाई है, "ढोल गंवार शूंद्र पशु नारी, ये सब ताड़न के अधिकारी." उन्होंने कहा कि जब पत्नी से पूछा कि इसका अर्थ समझती हो तो पत्नी ने जवाब दिया कि अर्थ साफ है इसमें एक जगह मैं हूं चार जगह आप हो.

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