e-Sahitya Aaj Tak 2020: धार्म‍िक संस्थान खोले खजाना, दिखाएं धर्म की दीन दयालुता, बोले कवि अशोक वाजपेयी

e-Sahitya Aaj Tak 2020: अशोक वाजपेयी ने कहा कोरोना की वजह से देशभर में भूखमरी जैसे हालात पैदा हो गए हैं. ऐसी परिस्थिति में धार्मिक संस्थानों को अपने खजाने में मौजूद संपत्ति से गरीबों की मदद करनी चाहिए.

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e-Sahitya Aaj Tak 2020: अशोक वाजपेयी e-Sahitya Aaj Tak 2020: अशोक वाजपेयी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2020,
  • अपडेटेड 5:46 PM IST

e-साहित्य आजतक कार्यक्रम में कवि और आलोचक अशोक वाजपेयी के सेशन को रोहित सरदाना ने मोडरेट किया. अशोक वाजयेयी ने कोरोना वायरस और लॉकडाउन पर बात की. उन्होंने बताया कि लगता है कि बुजुर्गों के लिए ये हालात लंबे चलेंगे.

धार्म‍िक संस्थान खोले खजाना- अशोक वाजपेयी

अशोक वाजपेयी ने कहा कोरोना की वजह से देशभर में भूखमरी जैसे हालात पैदा हो गए हैं. ऐसी परिस्थिति में धार्मिक संस्थानों को अपने खजाने में मौजूद संपत्ति से गरीबों की मदद करनी चाहिए. उन्होंने कहा- मैंने पिछले दिनों पढ़ा था कि तिरुपति मंदिर को करोड़ों का नुकसान हो रहा है, क्योंकि कोरोना की वजह से भक्त लोग आ नहीं रहे हैं. तो मुझे ख्याल आया कि हमारे यहां कई संस्थान होंगे जिनके पास कई सारी धन संपत्ति है. ऐसा कोई धर्म नहीं है जिसमें गरीबों की मदद को यानि दीन दयालुता को श्रेष्ठ ना बताया गया है.

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''मुझे लगता है ये वक्त है कि धार्मिक संस्थान इन गरीब लोगों की मदद के लिए अपने खजाने खोल दें. ये करोड़ों की जो संपत्ति है उसे दीन धर्म की दयालुता में प्रयोग करें. ये काम बड़ी आसानी से हो सकता है. हर जगह धार्मिक स्थल हैं. उनके पास संपत्ति है. बहुत सारे साहित्यकारों ने इसे लेकर पहल की है. ऐसा ना सोचें कि इससे हमें क्या फर्क पड़ेगा. मनुष्यता को बनाए रखने के लिए सहायता की भावना को जगाए रखें, ताकि नागरिकता में नई शक्ति आए.''

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उन्होंने कहा- लाखों लोग सड़क पर दिखाई दे रहे हैं. ये कोरोना विपत्ति का काल है. लेकिन मुझे तब सुकून मिलता है जब लोग जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आते हैं. सभी धर्मों के लोग आगे आकर लोगों को खाना खिला रहे हैं. चाहे वो सिख धर्म हो या क्रिश्चियन.

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