e-Sahitya Aaj Tak 2020: ये वक्त लेखकों के लिए बहुत उपयोगी, घटनाओं से हो रहे हैं रूबरूः असगर वजाहत

असगर वजाहत ने कहा कि कोरोना ने समाज को बदल दिया. बदले हुए समाज में बदला हुआ ग्रामर सामने आता है. अब देखा होगा आपने कि वेबिनार हो रहे है. अभी इस प्रकार के सेमिनारों की रूपरेखा बन नहीं पाई है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2020,
  • अपडेटेड 7:53 PM IST

कोरोना संकट के बीच आजतक की ओर से ई-साहित्य का आयोजन किया जा रहा है. इस बीच, शनिवार को लेखक असगर वजाहत मौजूद थे. उन्होंने नए साहित्याकारों को इस वक्त का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया. साथ ही बताया कि आज के दौर में एक लेखक क्या सोच रहा है. वे इस पूरे घटनाक्रम को कैसे देख रहा है.


समय का सदुपयोग कैसे करें?

असगर वजाहत ने कहा,'ऐसा है कि समय जरूर मिल रहा है, एक दूसरे से बात भी हो रही है. समय से लाभ हो रहा है कि जिन मुद्दों पर बात नहीं करते थे उन पर भी बात कर रहे हैं. मैंने खुद कई विषयों पर जानकारी जुटाई, समय के अभाव में नहीं कर पाया था. इस समय का उपयोग अपने आप को इक्यूप करने के लिए किया जा रहा है. बहुत से लेखक इतिहास की घटनाओं से अपने आप को रूबरू करवा रहे हैं. ये एक पॉजिटिव काम है.

'इंटरनेट पर नाटक के लाइव शो से इनकार नहीं कर सकते'

उन्होंने कहा,'कोरोना ने समाज को बदल दिया. बदले हुए समाज में बदला हुआ ग्रामर सामने आता है. अब देखा होगा आपने कि वेबिनार हो रहे है. अभी इस प्रकार के सेमिनारों की रूपरेखा बन नहीं पाई है. जब हम नए माध्यम की तलाश करते हैं तो उसमें कठनिइयां आती हैं, समय लगता है. कुछ नाटक प्रेमियों का एक ग्रुप है वो वेब के ऊपर पाठ करते हैं. अलग-अलग शहरों से एक नाटक का पाठ करते हैं. नाटक की रीडिंग होती है, कुछ लोग इस संभावना पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या इस तरह से नाटक का कोई लाइव शो हो सकता है? किसी भी संभावना से इनकार करना गलत बात है. हम किसी भी संभावना को रिजेक्ट नहीं करना चाहिए. सोचना चाहिए कि क्या ये किस तरह से ये संभव है.'

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उन्होंने कहा,' कहानी लिखने के लिए मैंने कुछ पाठ तैयार किए हैं. अब मैं फेसबुक पर कैसे लिखें कहानी इसकी सीरीज डाल रहा हूं. पहले साहित्यकार वेब पर आने को गिरी हुई बात समझते थे अब वे भी सोशल मीडिया पर आ गए हैं. क्योंकि उन्हें लगा कि और कोई रास्ता नहीं है. सोशल मीडिया प्रिंट मीडिया से कहीं ज्यादा आपको लोगों को बीच ले जाता है.'

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