गर्भवती महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर से कितना खतरा? नई स्टडी से बढ़ी डॉक्टर्स की चिंता

प्रेग्नेंसी में बढ़ने वाले ब्लड प्रेशर पर शोधकर्ताओं की टीम ने एक नई स्टडी जारी की है. इस स्टडी के मुताबिक जिन महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर होता है उनमें दिल की कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है.

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प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर आगे चलकर बन सकता है खतरनाक प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर आगे चलकर बन सकता है खतरनाक

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 4:27 PM IST
  • प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर पर स्टडी
  • हो सकती हैं दिल की बीमारियां
  • कोरोनरी हार्ट डिजीज का भी खतरा

प्रेग्नेंसी के समय ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव आम बात है लेकिन हाल ही में हुए शोध में कुछ नई जानकारियां सामने आई हैं. नई स्टडी के मुताबिक, जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है, उन्हें आगे चलकर दिल से जुड़ी बीमारियां ज्यादा होती हैं. ये दावा शोधकर्ताओं की अंतर्राष्ट्रीय टीम ने किया है. लगभग 1 से 6 फीसदी महिलाओं में प्रेग्नेंसी के समय हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है जो डिलीवरी के बाद सामान्य हो जाती है. इसे जेस्टेशनल हाइपरटेंशन या प्रेगनेंसी-इंड्यूस्ड हाइपरटेंशन के तौर पर भी जाना जाता है. 

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जेस्टेशनल हाइपरटेंशन पर स्टडी

डॉक्टरों का भी मानना है कि जिन महिलाओं में  जेस्टेशनल हाइपरटेंशन होता है उनमें आगे चलकर दिल की बीमारियां होने की संभावना अधिक होती है. शोधकर्ताओं की अंतर्राष्ट्रीय टीम ने इस विषय पर और जानकारी जुटाने के लिए 36 लाख गर्भवती महिलाओं पर की गई स्टडी की समीक्षा की. इनमें से 128,000 महिलाओं को पहले जेस्टेशनल हाइपरटेंशन रह चुका था.

क्या कहते हैं स्टडी के नतीजे?

शोधकर्ताओं ने पाया कि पहली प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर ना होने वाली महिलाओं की तुलना में हाई ब्लड प्रेशर वाली महिलाओं में दिल की बीमारी का खतरा 45 फीसदी से ज्यादा था जबकि 46 फीसदी से अधिक महिलाओं में कोरोनरी हार्ट डिजीज का ज्यादा खतरा था. वहीं एक से ज्यादा प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर से होने वाला दिल की बीमारी का खतरा 81 फीसदी से भी ज्यादा पाया गया. इन महिलाओं में कोरोनरी हार्ट डिजीज का खतरा 83 फीसदी जबकि हार्ट फेलियर का खतरा 77 फीसदी से अधिक पाया गया. इस स्टडी के नतीजे अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं.

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