मध्य प्रदेश: 'लड़कियों वाले गांव' में नहीं हैं शौचालय

मध्य प्रदेश सरकार भले ही लाख दावे करे कि राज्य के बड़े हिस्से को खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया है, मगर हकीकत इससे बिलकुल अलग है.

Advertisement
इस गांव में नहीं है शौचालय इस गांव में नहीं है शौचालय

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 07 जून 2018,
  • अपडेटेड 2:04 PM IST

मध्य प्रदेश सरकार भले ही लाख दावे करे कि राज्य के बड़े हिस्से को खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया है, मगर हकीकत इससे बिलकुल अलग है.

बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले के हरपुरा मड़िया गांव की पहचान 'लड़कियों वाले गांव' के तौर पर है, मगर यहां शौचालयों का अभाव है और महिलाओं से लेकर लड़कियों तक को मजबूरी में खुले में शौच को जाना पड़ रहा है.

Advertisement

ड्रेस पर BF ने जताया ऐतराज, छोड़कर चली गई लड़की

जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित है हरपुरा मड़िया गांव. इस गांव की आबादी लगभग डेढ़ हजार है. यह लड़कियों का गांव इसलिए कहलाता है, क्योंकि हर घर में बेटों से ज्यादा बेटियां हैं.

यही कारण है कि इस गांव की पहचान बेटियों के गांव के तौर पर बन गई है. मगर यहां की बेटियों को हर रोज समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आलम यह है कि महिलाओं से लेकर बेटियों को सुबह चार बजे से हाथ में लोटा लेकर शौच के लिए निकलना पड़ता है.

गांव की महिला हरिबाई राजपूत बताती हैं कि घरों में शौचालय नहीं है, यही कारण है कि उन्हें खुले में शौच जाना पड़ता है. सरकार चाहे जो कुछ कहे, मगर उनके गांव के अधिकांश घरों में शौचालय नहीं है. खुले में शौच के लिए जाना एक महिला के लिए सबसे दुखदायी होता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement