मुस्लिम महिला ने यूं किया हिजाब पहनने का समर्थन, स्पीच वायरल

ऑफिस फॉर स्टेंडर्ड्स इन एजूकेशन, चिल्ड्रंस सर्विसेज एंड स्किल्स (OFSTED) ने महिलाओं के हिजाब पहनने पर रोक लगाई है.

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मुस्लिम टीचर लतीफा मुस्लिम टीचर लतीफा

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 6:35 PM IST

हाल ही में एक मुस्लिम टीचर ने मुस्लिम महिलाओं के हिजाब पहनने को बैन करने के फैसले पर कड़ा विरोध जताया है. दरअसल,  OFSTED (ऑफिस फॉर स्टैंडर्ड्स इन एजुकेशन, चिल्ड्रंस सर्विसेज एंड स्किल्स) ने महिलाओं के हिजाब पहनने पर रोक लगाई है. OFSTED ब्रिटिश सरकार का नॉन मिनिस्ट्रियल डिपार्टमेंट है.

इस फैसले का विरोध करते हुए लतीफा अबुचकरा ने NEU-NUT (नैशनल एजुकेशन यूनियन और नेशनल यूनियन ऑफ टीचर्स) के वार्षिक सम्मेलन 2018 में अपनी बात रखी.  लतीफा ने मीडिया और राजनीतिज्ञों द्वारा 'मसक्युलर लिबरलिज्म' जैसे शब्दों के इस्तेमाल का उदाहरण देते हुए कहा कि यह इस्लामोफोबिया और रेसिज्म के लिए नया टर्म है.  उन्होंने कहा कि मीडिया अक्सर हिजाब को मुस्लिम और दक्षिण एशियाई महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों के रूप में दिखाता आया है.

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लतीफा ने अपनी स्पीच में कहा, मैंने हिजाब अपने विश्वास की वजह से पहना है. सभी को अपनी मर्जी से काम करने का हक होता है. कोई भी उनसे हिजाब पहनने का उनका हक नहीं छीन सकता है.

उन्होंने आगे कहा, 'मेरे विश्वास ने मुझे ये चुनने का हक दिया है जो 1400 साल पहले ही मानवाधिकारों के लिए तय हो चुका था.

उन्होंने कहा, "मैं आपको एक दिलचस्प बात बताना चाहती हूं, मेरे पिता को मेरा हिजाब पहनना पसंद नहीं था. वो नहीं चाहते थे कि मैं हिजाब पहनूं, लेकिन मैं अपने हिजाब पहने के फैसले पर कायम रही. मुझे मेरी मर्जी और विश्वास के मुताबिक चुनने का हक है. हिजाब पहनकर मैं अपने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन) का अभ्यास कर रही हूं. ऐसा करने से मुझे और मेरे जैसी तमाम महिलाओं को अपने लिए फैसला लेने की प्रेरणा मिलती है."

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