नवरात्र में कोरोना से बचें, कन्याभोज और भंडारे को कहें न, बच्चों को न भेजें बाहर

बच्चियों को ना ही कन्या पूजन के लिए आस-पड़ोस में भेजें और ना ही नजदीक में हो रहे भंडारों का प्रसाद लेने भेजें. लोगों का प्रत्यक्ष रूप से संगठित रहना कोरोना वायरस का खतरा बढ़ा सकता है.

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नवरात्र में धार्मिक कार्यक्रम कन्याओं और आम लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं. नवरात्र में धार्मिक कार्यक्रम कन्याओं और आम लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 4:31 PM IST

कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए पूरा देश मंगलवार रात 12 बजे से 21 दिनों के लिए लॉकडाउन हो गया है. इसी बीच चैत्र नवरात्र भी शुरू हो गए हैं. नवरात्र 25 मार्च से लेकर 2 अप्रैल तक रहने वाले हैं. आमतौर पर इस समय जगह-जगह पर भंडारे और कन्या पूजन का आयोजन किया जाता है. लेकिन इस प्रकार के धार्मिक कार्यक्रम कन्याओं और आम लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं.

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लॉकडाउन के दौरान क्या करें?

नवरात्र में बच्चियों को ना ही कन्या पूजन के लिए आस-पड़ोस में भेजें और ना ही नजदीक में हो रहे भंडारों का प्रसाद लेने भेजें. लोगों का प्रत्यक्ष रूप से संगठित रहना कोरोना वायरस का खतरा बढ़ा सकता है. आपको घर में या घर से बाहर कहीं भी भीड़ में शामिल होने से बचें.

नवरात्र में लोग भजन-कीर्तन के लिए भी इकट्ठे होते हैं. ऐसे कीर्तन या चौकियों का ना तो आयोजन करें और ना ही उनमें शामिल हों. बहुत से लोग इकट्ठे होकर माता के जयकारे लगाते हैं. स्थिति बेहद गंभीर होने की वजह से ऐसा कोई काम न करें जिससे आपकी या दूसरों की जान पर खतरा बन आए.

इसके अलावा देश के सभी बड़े मंदिर अगले 21 दिनों के लिए बंद रहेंगे. लेकिन, हो सकता है आपकी गली-नुक्कड़ के बाहर नियमों को ताक पर रखकर कोई मंदिर खोला जा रहा हो. अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए ऐसे किसी भी मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए प्रवेश न करें.

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ऐसे कर सकते हैं कन्या पूजन

नवरात्र में दुर्गाष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है. लेकिन कोरोना वायरस के चलते इस बार कन्या पूजन की प्रक्रिया में थोड़ा बदलाव करना उचित होगा. यदि आपके घर में एक भी कन्या है तो आप उसे पूरे नौ दिन नवमी की तरह ही भोजन करवाइया. इससे भी आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और कोरोना वायरस का खतरा भी नहीं रहेगा.

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