नींद नहीं आने से हो सकते हैं इस बीमारी के शिकार

एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया है कि मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) की पहचान करीब पांच साल पहले की जा सकती है क्योंकि इसके मरीजों में तंत्रिका तंत्र विकार जैसे दर्द या नींद की समस्या के इलाज से गुजरने की संभावना ज्यादा होती है. शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र में माइलिन पर हमला होने से एमएस की दिक्कतें पैदा होती हैं.

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इस बीमारी का लक्षण है नींद ना आना इस बीमारी का लक्षण है नींद ना आना

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 4:09 PM IST

एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया है कि मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) की पहचान करीब पांच साल पहले की जा सकती है क्योंकि इसके मरीजों में तंत्रिका तंत्र विकार जैसे दर्द या नींद की समस्या के इलाज से गुजरने की संभावना ज्यादा होती है. शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र में माइलिन पर हमला होने से एमएस की दिक्कतें पैदा होती हैं.

माइलिन, वसीय पदार्थ है जो इलेक्ट्रिकल संकेतों के तेज संचरण को सक्षम बनाता है. माइलिन पर हमले से दिमाग व शरीर के दूसरे हिस्सों में संचार में बाधा पहुंचती है. इससे दृष्टि संबंधी समस्याएं, मांसपेशियों में कमजोरी, संतुलन व समन्वय में परेशानी होती है.

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कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय की न्यूरोलॉजी विभाग की प्रमुख शोधकर्ता हेलेन ट्रेमलेट ने कहा, "इस तरह के चेतावनी वाले संकेत कों की मौजूदगी को अल्जाइमर बीमारी व पर्किं सन्स रोग के लिए अच्छी तरह से स्वीकार किया जाता है, लेकिन इस तरह के एमएस के पैटर्न के लिए खोज कम हुई है."

ट्रेमलेट ने कहा, "हमें इस घटना की गहराई में जाने के लिए शायद डाटा माइनिंग तकनीक के इस्तेमाल से गुजरने की जरूरत है. हम देखना चाहते हैं कि क्या लिंग, आयु व एमएस के विकसित होने के पैटर्न प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हैं."

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