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ये डेटिंग ऐप बना भारतीयों की पसंद, शादीशुदा महिलाएं भी नहीं पीछे

aajtak.in
  • 29 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 3:57 PM IST
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फ्रांस के एक्स्ट्रा-मैरिटल डेटिंग एप ग्लीडेन ने हाल ही में एक सर्वे कराया है. सर्वे के मुताबिक, अब तक करीब 8 लाख भारतीय ग्लीडेन पर रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. खास बात ये है कि इनमें महिलाओं की संख्या भी कम नहीं है. ग्लीडेन पर सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन कराने वालों में बेंगलुरु शहर सबसे आगे है.
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

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ये ऑनलाइन डेटिंग प्लेटफॉर्म खास तौर पर एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के लिए ही बनाया गया है. ग्लीडेन ऐप के दुनिया भर में लाखों सब्सक्राइबर्स बन चुके हैं.

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ग्लीडेन डॉट कॉम महिलाओं का एक ग्रुप चलाता है. ये एप महिला यूजर्स के लिए पूरी तरह नि:शुल्क है, वहीं पुरुषों के लिए इसकी कीमत तय है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस प्लेटफॉर्म पर आने वालों का आयु वर्ग 34 से 49 वर्ष तक का है.

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ग्लीडेन का कहना है कि यह आपकी पहचान छिपाने की पूरी गारंटी देता है. इस प्लेटफॉर्म पर आने के लिए बच्चों की संख्या, वैवाहिक स्थिति, व्यवसाय, आय, अपना फिगर, बालों का रंग और लंबाई, आंखों का रंग और आदतें सहित कई अन्य जानकारियां देनी पड़ती हैं.

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भारत की महिलाओं के बीच इस एप की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है. पिछले साल ग्लीडेन के भारतीय यूजर में 25 फीसदी महिलाएं थीं, जो अब बढ़कर 35 फीसदी हो गई हैं. इस एप से हर रोज ज्यादा से ज्यादा महिलाएं जुड़ रही हैं. बेंगलुरु की एक महिला ने ग्लीडेन से जुड़ने के बाद अपना अनुभव शेयर किया है.

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35 साल की ये महिला पिछले 10 सालों से शादीशुदा है और एक बच्चे की मां है. महिला एक अच्छी कंपनी में सीनियर लेवल पर काम करती है. महिला का कहना है कि वो एक अच्छी जिंदगी जी रही है जो उसके घर-परिवार के लिए बिल्कुल परफेक्ट है.


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महिला का कहना है कि अच्छी मां और पत्नी की भूमिका निभाते-निभाते वो थक चुकी थी और अपनी जिंदगी में कुछ रोमांच लाना चाहती थी इसलिए उसने ग्लीडेन पर अपना फेक अकाउंट बनाया.

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महिला ने बताया, 'ग्लीडेन पर मैंने कई पुरुषों से बात की जिनमें से ज्यादतर ऐसे थे जो शादीशुदा जिंदगी के अलावा अपने शौक और दूसरे दिलचस्प विषयों पर भी बात करते थे. मुझे उनसे बातें करना अच्छा लगने लगा. घर-परिवार से अलग अपनी इच्छाओं के बारें में बात करके मैं कुछ अलग अनुभव करने लगी थी.'

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महिला ने बताया कि इस एप से जुड़े हुए उसे एक साल हो गया है और इसके जरिए वो अब तक आठ ऐसे पुरुषों से मिल चुकी है जिनसे चैट करने में वो कंफर्टेबल महसूस करती है. महिला ने बताया, 'इनसे बात करके मुझे एहसास होने लगा कि शादीशुदा जिंदगी में प्यार, लड़ाई-झगड़े, बच्चों के अलावा भी कितनी चीजें हैं'.

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महिला ने बताया, 'इतने लोगों से बात करने के बाद आखिरकार मैं एक ऐसे पुरुष से मिली जिससे मैं सिर्फ बातों के अलावा मैं फिजिकल होने के बारे में भी सोच सकती थी. हम दोनों एक-दूसरे का भावनात्मक सहारा बन चुके थे.


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डेटिंग एप के बारे में बात करते हुए महिला ने कहा, 'हर किसी की शादीशुदा जिंदगी में एक वक्त आता है जब लोग ठहराव महसूस करने लगते हैं भले इसे कोई स्वीकारना चाहे या नहीं. इस पड़ाव के बाद लोगों के आपस में झगड़े शुरु हो जाते हैं. साथ रहते हुए भी कपल एक-दूसरे के प्रति वैसा लगाव नहीं महसूस करते.'

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'अपनी शादी में एक-दूसरे पर झल्लाहट और खामियां निकालने की बजाय, मैंने खुद को खुश रखने का रास्ता चुना और मुझे इस बात का कोई अफसोस नहीं है. अपराधबोध महसूस करने की बजाय मेरे पति के प्रति मेरा व्यवहार नरम रहता है और मेरी कोशिश रहती है कि उसको मुझसे कोई शिकायत न हों.'

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बतौर महिला, 'शायद मैं स्वार्थी हो रही हूं लेकिन ये सब करने से कम से कम मेरी शादीशुदा जिंदगी बड़ी शांति से चल रही है. पति के साथ मेरे रिश्ते पहले से ज्यादा अच्छे हो रहे हैं. हम दोनों छोटे-छोटे जोक्स पर हंसते हैं और एक-दूसरे की तारीफ करते हैं. पति के साथ और उसके अलावा की मेरी ये जिंदगी अब मुझे अच्छी लगने लगी है.'


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