पेरिस और सिंगापुर को भी पीछे छोड़ ये बना दुनिया का सबसे महंगा शहर, जानिए सबसे सस्ता शहर कौन?

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) ने अपनी ताजा रैंकिंग में इजराइल के तेल अविव को दुनिया का सबसे मंहगा शहर बताया गया है. रैंकिंग में पेरिस और सिंगापुर संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं. इसके बाद ज्यूरिख और हांगकांग का नंबर है. वहीं न्यूयॉर्क को छठा जबकि जिनेवा सातवां स्थान मिला है.

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तेल अविव दुनिया का सबसे महंगा शहर बन गया है तेल अविव दुनिया का सबसे महंगा शहर बन गया है

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:47 AM IST
  • दुनिया का सबसे महंगा शहर तेल अवीव
  • पेरिस और सिंगापुर दूसरे स्थान पर

Most expensive city of World: इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) ने रहने के हिसाब से दुनिया भर के शहरो की रैंकिंग की है. इस रैंकिंग में इजराइल के तेल अविव को दुनिया का सबसे महंगा शहर बताया गया है. दुनिया के बाकी शहरों की तुलना में यहां रहने की लागत बहुत ज्यादा है. पहले की रिपोर्ट की तुलना में इस बार तेल अवीव पांच पायदान ऊपर चढ़ पहले नंबर पर आ गया है. ये वर्ल्डवाइड कॉस्ट ऑफ लिविंग इंडेक्स 173 शहरों में वस्तुओं और सेवाओं के लिए अमेरिकी डॉलर में कीमतों की तुलना के आधार पर जारी किया गया है.

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दुनिया का सबसे महंगा शहर तेल अविव

 

इस रैंकिंग में सीरिया की राजधानी दमिश्क को रहने के लिए दुनिया का सबसे सस्ता शहर बताया गया है. सस्ते शहरों की रैंकिंग में लीबिया का ट्राइपोलि, उज्बेकिस्तान का ताशकंद, ट्यूनीशिया का टुनिस, कजाकिस्तान का अल्माटी, पाकिस्तान का कराची, भारत का अहमदाबाद, अल्जीरिया का अल्जीयर्स, अर्जेंटीना का ब्यूनस आयर्स, और जाम्बिया का लुसाका शहर भी शामिल है.

तेल अवीव को रैंकिंग में ये जगह डॉलर के मुकाबले यहां की राष्ट्रीय मुद्रा, शेकेल (यहूदियों का एक प्राचीन सिक्का), परिवहन और घरेलू सामान की कीमतों में वृद्धि के कारण मिली है. रैंकिंग में पेरिस और सिंगापुर संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं. इसके बाद ज्यूरिख और हांगकांग का नंबर है. वहीं, न्यूयॉर्क को छठा जबकि जिनेवा को सातवां स्थान मिला है. 1 से 10 तक की रैंकिंग में आठवें स्थान पर कोपेनहेगन, नौवें पर लॉस एंजिल्स और 10वें स्थान पर जापान का ओसाका शहर है.  पिछले साल के सर्वे में पेरिस, ज्यूरिख और हांगकांग को संयुक्त रूप से पहले स्थान पर रखा गया था. 

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वर्ल्डवाइड कॉस्ट ऑफ लिविंग इंडेक्स में तेल अविव सबसे ऊपर

 

इस साल का डेटा अगस्त और सितंबर से लिया गया है. जब दुनिया भर में माल और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी पाई गई थी. इसके अनुसार स्थानीय कीमतों में औसतन 3.5% की वृद्धि हुई थी. जो पिछले पांच वर्षों में सबसे तेज मुद्रास्फीति दर है. EIU में वर्ल्डवाइड कॉस्ट ऑफ लिविंग की प्रमुख उपासना दत्त के अनुसार, 'कोरोना वायरस महामारी के कारण लगी पाबंदियों की वजह से माल की आपूर्ति बाधित हुई, जिससे कीमतें बढ़ गईं.'

 

 

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