Drinking water while standing: भारतीय घरों में एक बात अक्सर ही आपने सुनी होगी कि खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए, नहीं तो इससे घुटने खराब हो जाते हैं. इस चीज को लोग पिछले कई सालों से मानते और अपनाते आ रहे हैं, यह जाने बिना ही कि इस बात में कितनी सच्चाई है.
अगर आपको भी आपकी दादी-नानी ने यह बात बोली है और आप इसे मानते हैं तो आज हम आपको इस बात की सच्चाई बताने जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा होता है या नहीं. इस बारे में करीना कपूर की न्यूट्रिशनिस्ट और डायटीशियन रुजुता दिवेकर ने इंटरव्यू में इस मिथक के बारे में खुलकर बात की.
न्यूट्रिशनिस्ट और डायटीशियन रुजुता दिवेकर से जब यह सवाल पूछा गया कि खड़े होकर पानी पीने से घुटने खराब हो जाते हैं तो उन्होंने बताया, 'भारतवर्ष में ऐसा मानते हैं कि पानी में से भी प्राण शक्ति मिलती है और उसे अपनाने के लिए अगर हम उसे बैठकर पिएंगे तो वो एनर्जी हम तक ज्यादा पहुंचती है.
वैसे खड़े होकर आप पानी पिओगे तो आपके घुटने को तो दर्द नहीं होगा.लेकिन कभी-कभी अच्छी आदतें सिखाने के लिए हमें लोगों के मन में थोड़ा डर बैठाना पड़ता है, और यह वही से आया है.'
उनके अनुसार, खड़े होकर पानी पीने से घुटनों को कुछ नहीं होता है. यह मान्यता सिर्फ एक परंपरागत मिथक है, जिसका साइंस से कोई सीधा संबंध नहीं. हालांकि बैठकर पानी पीना एक अच्छी आदत माना जाता है,लेकिन खड़े होकर पानी पीना घुटनों को नुकसान नहीं पहुंचाता.
भारत में हमेशा से ‘प्राणशक्ति’ यानी जीवन ऊर्जा को महत्व दिया गया है. माना जाता है कि शांत होकर, बैठकर पानी पीने से शरीर और मन दोनों स्थिर रहते हैं, और पानी का फायदा ज्यादा मिलता है. मगर इसका मेडिकल से कोई संबंध नहीं है.
आजतक हेल्थ डेस्क