आंखों पर लगे चश्मे को हटाना है तो रोज खाएं ये 3 चीजें, नजर होगी तेज

हर किसी का एवरेज स्क्रीन टाइम (Screen Time) बढ़ता जा रहा है. यह समस्या बच्चों में तो और ज्यादा देखने को मिलती है क्योंकि छोटे-छोटे बच्चे आजकल पढ़ाई हो या एंटरटेमेंट, हर चीज के लिए बस मोबाइल पर निर्भर रहते हैं. इन्हीं वजहों से छोटी उम्र के बच्चों में भी आंखों (Eyes) से जुड़ी समस्याएं आम हो गई है. इसलिए आंखों की सेहत का ख्याल रखना हर उम्र के लोगों के लिए जरूरी है. यहां हम आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 1:47 PM IST

आंखें हमारे शरीर का सबसे खास और कोमल अंग होती हैं जिनका ख्याल रखना बेहद जरूरी है. आजकल के दौर में हर कोई हमेशा कंप्यूटर, मोबाइल और लैपटॉप पर नजरें गढ़ाए रहता है जिसका असर आंखों की रोशनी पर पड़ता है. हर किसी का एवरेज स्क्रीन टाइम (Screen Time) बढ़ता जा रहा है. यह समस्या बच्चों में तो और ज्यादा देखने को मिलती है क्योंकि छोटे-छोटे बच्चे आजकल पढ़ाई हो या एंटरटेमेंट, हर चीज के लिए बस मोबाइल पर निर्भर रहते हैं. इन्हीं वजहों से छोटी उम्र के बच्चों में भी आंखों (Eyes) से जुड़ी समस्याएं आम हो गई है. इसलिए आंखों की सेहत का ख्याल रखना हर उम्र के लोगों के लिए जरूरी है. यहां हम आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं.

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हरी पत्तेदार सब्जियां
पालक, मेथी, बथुआ, सरसों जैसे हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन सी और ए भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं. इसके अलावा इनमें कैरोटीनॉयड ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन भी पाया जाता है. इन प्लांट बेस्ड विटामिन ए के सेवन से मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजनरेशन जैसी उम्र से संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है और आंखों की रोशनी भी तेज होती है.

अंडे

अंडे अपनी प्रचुर मात्रा में ल्यूटिन, जेक्सैंथिन और जिंक सामग्री के कारण आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं जो एक एंटीऑक्सिडेंट हैं और रेटिना की रक्षा करता है. यह उम्र से संबंधित आंखों की दिक्कतों को दूर रखता है.

बीन्स और फलियां
छोले, चना, राजमा, दालें, अलसी, तरबूज-खरबूजे के बीज जैसे बीज और फलियां इन सभी में जिंक की मात्रा अधिक होती है. यह अन्य एंटीऑक्सिडेंट्स के साथ मिलने पर उम्र की वजह से होने वाली मैक्युलर डिजनरेशन (एएमडी) की प्रगति को धीमा करने में मदद कर सकता है.

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