सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है और ऐसे में ठंडे मौसम के कारण लोगों की प्यास कम हो जाती है. प्यास कम होने के कारण और पानी ठंडा होने के कारण लोग कम पानी पीते हैं लेकिन ये आदत उनके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, रोज़ 500 मि.ली. से भी कम पानी पीने से शरीर लंबे समय में कई तरह की समस्याओं का शिकार हो सकता है जिसमें किडनी और दिमाग की बीमारियां भी शामिल हैं. वो कौन सी बीमारियां हैं, ये भी जान लीजिए.
किडनी की फिल्टरेशन पॉवर धीमी होना
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब कोई बहुत कम या 500 मिली से कम पानी पीता है तो किडनी को कम पानी के लिए भी काम करना पड़ता है जिससे आपकी यूरिन गाड़ी है. इससे पानी की कम मात्रा निकलती है और शरीर के अधिक अपशिष्ट पदार्थ बाहर नहीं निकाल पाता. इससे किडनी को नुकसान हो सकता है.
ब्रेन को ऑक्सीजन कम मिलना
पानी कम पीने के कारण ब्लड वॉल्यूम कम होगा जिससे ब्रेन तक पहुंचने वाली ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है जिससे फोकस करना, मूड स्विंग और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
मसल्स सोरनेस और एनर्जी की कमी
पानी कम पीने से आपके मसल्स को मिलने वाली एनर्जी में कमी होने लगेगी जिससे काम करने में थकावट या एनर्जी की कमी हो सकती है.
डाइजेशन प्रोसेस धीमी हो जाएगी
पानी का डाइजेशन में काफी महत्वपूर्ण काम होता है. यदि आप पानी कम पिएंगे तो डाइजेशन धीमा हो जाएगा जिससेसे कब्ज और अपच की समस्या बढ़ सकती है. इसके अलावा भूख भी प्रभावित हो सकती है.
क्रॉनिक रिस्क में बढ़ोत्तरी
यदि कोई सर्दियों में लगातार कम पानी पीता है तो समय के साथ उसके शरीर में स्ट्रेस बढ़ सकता है जिसे कि पेशाब गाढ़ा होना, किडनी फिल्टरेशन रेट कम होना, तापमान नियंत्रण में कमी आदि. इससे आगे चलकर गंभीर बीमारी हो सकती हैं.
आजतक हेल्थ डेस्क