कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत में भूलकर भी नहीं करना चाहिए इस तेल का सेवन, बढ़ जाता है खतरा

कोलेस्ट्रॉल वैसे तो शरीर के लिए काफी जरूरी माना जाता है लेकिन शरीर में इसकी मात्रा अधिक होने से कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने से हृदय संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में अपने खानपान का ख्याल रखना काफी जरूरी होता है.

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कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए इस तेल का सेवन, जा सकती हैं आपकी जान (Photo Credit: Pixabay) कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए इस तेल का सेवन, जा सकती हैं आपकी जान (Photo Credit: Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:46 PM IST
  • बैड कोलेस्ट्रॉल धमनियों में रुकावट का कारण बन सकता है
  • हाई कोलेस्ट्रॉल को आप एक अच्छी डाइट से कंट्रोल कर सकते हैं

हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल हृदय संबंधित रोगों का कारण बनता है. ऐसे में जरूरी है कि कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल में रखा जाए. हाई कोलेस्ट्रॉल को आप एक अच्छी डाइट से कंट्रोल कर सकते हैं. कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करने के लिए सिर्फ एक अच्छी डाइट ही काफी नहीं होती है, साथ ही यह भी महत्वपूर्ण होता है कि आप किस तेल में अपना खाना बनाते हैं. एक अच्छे तेल में खाना बनाने से हाई कोलेस्ट्रॉल के रिस्क को कम किया जा सकता है आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को खाना बनाने के लिए कौन से तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. 

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क्या होता है कोलेस्ट्रॉल

कोलेस्ट्रॉल, लिवर द्वारा उत्पादित एक वसायुक्त पदार्थ है, जो सेल मेंब्रेन्स का निर्माण करता है. कोलेस्ट्रॉल वैसे तो शरीर के लिए आवश्यक है लेकिन इसका बढ़ना गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है. कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार को होता है- गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल. गुड कोलेस्ट्रॉल शरीर के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है वहीं, बैड कोलेस्ट्रॉल धमनियों में रुकावट का कारण बन सकता है. ऐसा होने पर हार्ट अटैक, स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है. हृदय संबंधी रोगों के खतरे को कम करने के लिए  उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के तरीके ढूंढ़ना काफी जरूरी है. द जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक रिव्यू के अनुसार, पाम ऑयल का सेवन आपके हाई एलडीएल (LDL) लेवल के जोखिम को बढ़ा सकता है. पाम ऑयल एक कुकिंग ऑयल है जिसे पाम फ्रूट से निकाला जाता है इसका वैज्ञानिक नाम एलायस गाइनेन्सिस है.

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इस शोध के रिसर्चर्स के मुताबिक, बाकी कुकिंग ऑयल की तुलना में पाम ऑयल के अंदर सैच्युरेटेड फैट की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है. सैच्युरेटेड फैट एक अनहेल्दी टाइप का फैट होता है जो आपके ब्लड में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाता है. शोधकर्ताओं ने पाम ऑयल के अलावा और भी कई तरह के कुकिंग ऑयल का रिव्यू किया. 

शोधकर्ताओं ने पाया कि लो सैच्युरेटेड वाले वेजिटेबल ऑयल की तुलना में पाम ऑयल का इस्तेमाल करने से LDL कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है. पाम ऑयल की तुलना में लो सैच्युरेटेड वाले वेजिटेबल ऑयल HDL कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं. HDL कोलेस्ट्रॉल, LDL कोलेस्ट्रॉल के हानिकारक प्रभावों का मुकाबला करता है और इसे लिवर में ले जाता है जहां इसे बाहर निकाल दिया जाता है.

शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि पाम ऑयल में LDL कोलेस्ट्रॉल बाकी कुकिंग ऑयल की तुलना मे काफी ज्यादा पाया जाता है. पाम ऑयल कोलेस्ट्रॉल के लिए सबसे खराब माना जाता है . इसमें सैचुरेटेड फैट की ज्यादा उपस्थिति, ब्लड लिपिड या कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकती है. कई अध्ययनों में भी बताया है कि पाम ऑयल ब्लड लिपिड को बुरी तरह से प्रभावित करता है.

एक दिन में कितनी मात्रा में करना चाहिए सैच्युरेटेड फैट का सेवन

यूके हेल्थ गाइडलाइंस की सलाह है कि 19 से 64 वर्ष की आयु के औसत व्यक्ति को एक दिन में 30 ग्राम से अधिक सैच्युरेटेड फैट नहीं लेना चाहिए. वहीं, 19 से 64 वर्ष की आयु की औसत महिलाओं को एक दिन में 20 ग्राम से अधिक सैच्युरेटेड फैट नहीं लेना चाहिए. 

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कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को किस कुकिंग ऑयल का करना चाहिए इस्तेमाल

कोलोस्ट्रॉल के मरीजों को पाम ऑयल की तुलना में अलसी, सरसों और सूरजमुखी के तेल का उपयोग करना चाहिए.

 

 

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