क्या आपको भी पीरियड्स में होती है पांच दिन से ज्यादा ब्लीडिंग, इन गंभीर बीमारियों का हो सकती है निशानी

पीरियड्स के दौरान तीन से पांच दिन तक ब्लीडिंग होना सामान्य है लेकिन कुछ महिलाओं को कई दिनों तक लगातार ब्लीडिंग होती है. इसकी वजह से उन्हें काफी दर्द भी सहना पड़ता है. कई बार वो इसे सामान्य मानकर नजरअंदाज कर देती हैं लेकिन सात दिनों से ज्यादा ब्लीडिंग होना सामान्य नहीं है और यह किसी बीमारी का संकेत हो सकती है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 9:14 AM IST

पीरियड्स यानी माहवारी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो महिलाओं में गर्भ धारण के लिए बहुत जरूरी होती है. महिलाओं को हर महीने पीरियड्स से गुजरना पड़ता है. इस दौरान उन्हें तीन से सात दिनों तक ब्लीडिंग होती है. अक्सर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेट और कमर में दर्द होता है. माहवारी की तरह ही इसमें होने वाला दर्द भी बहुत ही सामान्य बात है. कुछ महिलाओं को इससे ज्यादा दिक्कत नहीं होती लेकिन कुछ महिलाओं के लिए यह दर्द मुसीबत की तरह होता है.

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आमतौर पर पीरियड्स में ब्लीडिंग तीन से लेकर सात दिनों तक होती है. कुछ महिलाओं में यह सामान्य होती है तो वहीं कुछ को इसकी वजह से बहुत ज्यादा दर्द सहना पड़ता है, यह और भी ज्यादा तकलीफदेह तब हो जाती है आपके पीरियड्स ज्यादा दिनों तक चलते हैं. इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि महिलाओं के गर्भाशय की म्यूकस मेंमब्रेन मैंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान संभावित प्रेग्नेंसी के लिए खुद को तैयार करने के लिए मोटी हो जाती है और जब प्रेग्नेंसी नहीं होती तो यह पीरियड्स के दौरान आपके यूटेरस से रक्त के साथ बाहर निकल जाती है.  

लड़कियों के शरीर में पीरियड की शुरुआत होने का मतलब है कि उनका शरीर अपने आप को संभावित गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) के लिए तैयार कर रहा है. आमतौर पर ब्लीडिंग तीन से सात दिनों के बीच होती है. लेकिन अगर आपको लंबे समय तक ब्लीडिंग हो तो आपको इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।

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सात दिन से ज्यादा ब्लीडिंग होने का कारण
जब आपके मासिक धर्म चक्र की बात आती है तो इसके पीछे कई फैक्टर्स होते हैं. कई बार आपके पीरियड्स सामान्य से अधिक समय तक रह सकते हैं और उम्र के हिसाब से इसमें परिवर्तन भी आते हैं.

सामान्य से ज्यादा दिनों तक होने वाली ब्लीडिंग के कारण

टीएनज लड़कियों में पीरियड्स की गड़बड़ी हार्मोनल असंतुलन की वजह से सबसे ज्यादा होती है. इसमें कई बार पीरियड्स बहुत लंबे चलते हैं. खासतौर पर प्यूबर्टी की शुरुआत में होने वाले पीरियड्स काफी लंबे होते हैं. वहीं, वयस्कों में गर्भावस्था से संबंधित बीमारियों जैसे फाइब्रॉइ़ड्स और एडीनोमायोसिस और संक्रमण की वजह से भी यह दिक्कत होती है. माहवारी में गड़बड़ी महिलाओं में गर्भावस्था से संबंधित विकार जैसे एक्टोपिक ट्यूबल प्रेग्नेंसी (जिसमें निषेचित अंडा गर्भाशय के बाहर प्रत्यारोपित हो जाता है और अधिक दिनों तक जीवित नहीं रह पाता)  या गर्भपात का खतरा बढ़ाता है.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर महिलाओं के पीरियड्स सात दिनों से अधिक समय तक चलते हैं या उन्हें बहुत अधिक ब्लड क्लॉट्स दिखाई देते हैं तो उन्हें इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए. महिलाओं को इसका भी ध्यान रखना चाहिए उनके पीरियड का रंग कैसा है. 

ज्यादा ब्लीडिंग के पीछे हो सकती हैं ये बीमारियां
अगर किसी भी महिला को एक महीने में 20 दिनों तक पीरियड्स होते हैं तो निश्चित रूप से यह सामान्य नहीं है और इस तरह की स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए. एक्सपर्ट्स के अनुसार, 20 दिनों तक चलने वाले पीरियड्स की कुछ प्रमुख वजहें हो सकती हैं.

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हार्मोनल असंतुलन
महिलाओं में प्रजनन प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के बीच असंतुलन की वजह से 20 दिनों तक पीरियड्स हो सकते हैं.

फाइब्रॉइड्स (Fibroids)
फाइब्रॉएड एक बीमारी है जिसमें गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है. ये गर्भाशय में हल्की गांठों (एक तरह का ट्यूमर) की तरह होते हैं जो महिलाओं में काफी आम हैं. लेकिन यह पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द और ऐंठन, हैवी ब्लीडिंग, सेक्स के दौरान दर्द और तेज पीठ-कमर दर्द का कारण हो सकते हैं. इससे गर्भपात का खतरा का भी जोखिम होता है और यह प्रजनन क्षमता में भी दिक्कत पैदा करते हैं.

पॉलीप्स (polyps)
पॉलीप्स आमतौर पर गर्भाशय के भीतर गांठों की तरह होती हैं जो एंडोमेट्रियम (गर्भाशय की भीतरी परत) में कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि की वजह से बनती हैं. गर्भाशय पॉलीप्स को एंडोमेट्रियल पॉलीप्स के नाम में भी जाना जाता है. ये पॉलीप्स आमतौर पर नॉन कैंसरस होते हैं लेकिन कई कैंसर में बदल सकते हैं

कैंसर
पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक ब्लीडिंग गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा के भीतर कैंसर की वृद्धि की वजह से हो सकता है.

बीमारी
HIV,रूबेला, मंप्स जैसी कुछ बीमारियां आपके रक्त को पतला कर सकती हैं और आपके मासिक धर्म के दौरान बहुत अधिक ब्लीडिंग का कारण बन सकती हैं।

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गर्भनिरोधक 
पीरियड्स में गड़बड़ी इंट्रा यूटराइन डिवाइस (IUD) की वजह से भी हो सकती है. यह एक छोटे गर्भनिरोधक उपकरण होते हैं जिन्हें अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए आपके गर्भाशय में इंप्लांट किया जाता है. गलत तरीके से आईयूडी का इंप्लांट हैवी ब्लीडिंग की वजह हो सकता है.

दवाओं का सेवन
रक्त को पतला करने वाली एस्पिरिन जैसी कुछ दवाएं भी ऐसी समस्याएं पैदा कर सकती हैं. गर्भ निरोधक गोलियों का गलत तरीके से सेवन, खासतौर पर जब आप इसे तय समय पर ना लें, तो इससे भी आपको माहवारी में दिक्कतें हो सकती हैं.

पेल्विक इंफेक्शन ( Pelvic infections)

कुछ स्थितियों में महिलाओं में पैल्विक संक्रमण भी हैवी और लॉन्ग पीरियड्स का कारण हो सकता है. इसमें भी महिलाओं को पीरियड के दौरान काफी दर्द का अनुभव होता है.

क्या है इसका इलाज

माहवारी से जुड़ी किसी भी समस्या का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है. डॉक्टरों का कहना है कि लंबी और हैवी ब्लीडिंग या दर्द में आपको कुछ दवाएं दी जा सकती हैं जिनसे राहत मिल जाती है. लेकिन फिर भी परेशानी रहती है तो उस स्थिति में बायोप्सी और फिर आगे का इलाज किया जाता है.

 

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