क्या आपमें भी हैं ये 6 आदतें? पिता बनने में आ सकती हैं मुश्किलें

अपनी कुछ आदतों में बदलाव करके आप अपनी स्पर्म क्वॉलिटी को तो बढ़ा ही सकते हैं साथ ही पेरेंट्स बनने के चांसेस को बूस्ट कर सकते हैं. आइए जानते हैं उन आदतों के बारे में जिन्हें आपको जरूर बदलनी चाहिए.

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आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 1:55 PM IST

बच्चा पैदा करने के लिए महिलाओं के साथ ही पुरुषों की भी बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है. ऐसे में महिलाओं के साथ ही पुरुषों की सेहत भी काफी जरूरी मानी जाती है. पुरुषों की हेल्थ और खानपान का सीधा असर उनकी स्पर्म हेल्थ, ओवरऑल फर्टिलिटी और आने वाले बच्चे की हेल्थ पर पड़ता है.

ऐसे में अपनी कुछ आदतों में बदलाव करके आप अपनी स्पर्म क्वॉलिटी को तो बढ़ा ही सकते हैं साथ ही पेरेंट्स बनने के चांसेस को बूस्ट कर सकते हैं. आइए जानते हैं उन आदतों के बारे में जिन्हें आपको जरूर बदलनी चाहिए.

स्मोकिंग छोड़ें- स्मोकिंग स्पर्म क्वॉलिटी में कमी का एक सबसे बड़ा कारण है, जो स्पर्म काउंट, गतिशीलता और डीएनए को प्रभावित करता है. स्टडीज से पता चला है कि स्मोकिंग इंफर्टिलिटी के खतरे को दोगुना कर सकता है. स्मोकिंग छोड़ने से स्पर्म हेल्थ में सुधार होता है.

शराब का सीमित सेवन- शराब का बहुत अधिक मात्रा में सेवन करने से टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होता है और स्पर्म प्रोडक्शन में भी कमी आती है. वहीं,  सीमित मात्रा में शराब का सेवन करने से स्पर्म हेल्थ में सुधार होता है. ऐसे में पुरुषों को रोजाना एक या दो गिलास ही शराब का सेवन करना चाहिए.

हीट एक्सपोजर- स्पर्म का प्रोडक्शन शरीर के टेंपरेचर से थोड़े ठंडे टेंपरेचर में होता है. ऐसे में बहुत ज्यादा हॉट बाथ, सौना या लैपटॉप को गोद में रखकर काम करने वाले लोगों के शरीर में हीट ज्यादा होने के कारण स्पर्म की संख्या पर बुरा असर पड़ता है. जरूरी है कि आप अपनी बॉडी में ज्यादा हीट पैदा ना करें. इसके लिए धीले कपड़े पहने और लैपटॉप को गोद में रखकर काम ना करें.

स्ट्रेस- हाई स्ट्रेस के कारण टेस्टोस्टेरोन लेवल और स्पर्म हेल्थ पर काफी बुरा असर पड़ता है. इसके लिए जरूरी है कि आप स्ट्रेस को कम करने के लिए योग,  मेडिटेशन आदि का सहारा लें.

डाइट- अगर आपकी डाइट में पोषक तत्वों की कमी है तो इससे भी स्पर्म हेल्थ पर काफी बुरा असर पड़ता है. जरूरी है कि अपनी डाइट में सब्जी, फल, साबुत अनाज, सीड्स और प्रोटीन को शामिल करें.

एक्सरसाइज- अगर आप सीमित मात्रा में एक्सरसाइज करते हैं तो इससे आपकी ओवरऑल हेल्थ में सुधार होता है. साथ ही इससे टेस्टोस्टेरोन लेवल और स्पर्म क्वॉलिटी में भी सुधार होता है. हालांकि, बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करने से टेस्टोस्टेरोन लेवल और फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है.

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