आपकी थाली में जहर..., इस शहर के लोग खा रहे केमिकल और मेटल वाली सब्जियां, सरकारी एजेंसी की जांच में खुलासा

कर्नाटक की राजधानी बंगलुरु में लोगों की थाली तक पहुंच रहीं सब्जियां खतरनाक केमिकल और मेटल वाले पानी में उगाई जा रही हैं. सरकारी एजेंसी ने शहर भर की दुकानों से एकत्र नमूनों की जांच के बाद यह दावा किया है.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 6:26 PM IST

कर्नाटक के बेंगलुरु शहर में लोगों की थाली तक पहुंच रहीं सब्जियां जहरीले और गंदे पानी में उगाई जा रही हैं जिसमें खतरनाक धातु और केमिकल होते हैं.

एक सरकारी एजेंसी ने बेंगलुरु में सब्जियों की कई छोटी- बड़ी दुकानों से नमूने इकट्ठा किए गए जिसकी जांच में उन्होंने पाया कि बेंगलुरु के बाजारों में जो सब्जियां पहुंच रही हैं, उनमें अधिकांश सब्जियां घरों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले वेस्ट वॉटर यानी गंदे और प्रदूषित पानी में उगाई जा रही हैं जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक हैं. गंदे पानी में उगने वाली सब्जियों में हैवी मैटल जैसे आर्सेनिक, निकिल, कैडमियम, क्रोमियम, मर्करी, जिंक और मैग्नीशियम के उच्च स्तर पाए जाते हैं जो किडनी, लीवर, आंत और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं.

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रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

पर्यावरण प्रबंधन और नीति अनुसंधान संस्थान (ईएमपीआरआई) के शोधकर्ताओं ने शहर के बाजारों में बिक रहीं 10 सब्जियों के 400 नमूनों का परीक्षण किया था जिसमें उन सब्जियों में खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा निर्धारित सीमा से ऊपर कंटैमिनेशन (किसी चीज को गंदा या जहरीला बनाने की प्रक्रिया) पाया गया.

बेंगलुरु समूचे कर्नाटक का पांचवीं सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है जहां कोलार, चिक्कबल्लापुर, रामानगर और बेंगलुरु ग्रामीण के इलाकों के किसान सब्जियों की सप्लाई करते हैं. अकेले हॉपकॉम्स (किसानों से बाजार तक सब्जियों की सप्लाई का काम संभालने वाली एक एजेंसी) 70 टन सब्जियां वितरित करता है जबकि शहर की बाकी आबादी पुशकार्ट से लेकर सुपरमार्केट जैसी निजी छोटी-बड़े स्टोर पर निर्भर करती है.

कई सब्जियों के स्टोर से लिए गए थे नमूने

पर्यावरण प्रबंधन और नीति अनुसंधान संस्थान (ईएमपीआरआई) के शोधकर्ताओं ने बेंगलुरु के 20 स्टोरों से सब्जियों के 400 नमूने एकत्र किए थे जो पांच सुपरमार्केट, पांच स्थानीय बाजार, कई स्टोर और हॉपकॉम से लिए गए थे. इसके बाद बैंगन, टमाटर, शिमला मिर्च, सेम, गाजर, हरी मिर्च, प्याज, आलू, पालक और धनिया समेत 10 सब्जियों के नमूनों में हैवी मेटल की उपस्थिति की जांच की गई. 

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किसी भी खाद्य पदार्थ में आयरन की अधिकतम स्वीकार्य सीमा 425.5 मिलीग्राम/किलोग्राम होती है. जबकि जांच के दौरान ऑर्गेनिक सब्जियां बेचने के दावा करने वाले स्टोर की फलियों में 810.20 मिलीग्राम/किग्रा, धनिया 945.70 मिलीग्राम/किग्रा और पालक में 554.58 मिलीग्राम/किग्रा की सांद्रता पाई गई. हॉपकॉम्स में प्रति एक किलो प्याज में 592.18 मिलीग्राम आयरन पाया गया.

सब्जियों में पाई गई ये खतरनाक धातुएं

इनमें कुछ धातु सेहत के लिए बेहद खतरनाक होती हैं जैसे कैडमियम जो लीवर और फेफड़ों में विषाक्तता पैदा कर सकता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को खराब कर सकता है. सीसा (लीड) जो जहर के समान है, उसकी मात्रा किसी भी खाद्य पदार्थ में 0.3 मिलीग्राम/किग्रा से अधिक नहीं होनी चाहिए. 

इस रिसर्च के दौरान सब्जियों में हेवी मेटल्स पाए गए हैं जो मानव शरीर के लिए सही नहीं है. रिसर्च में यह भी सुझाव दिया गया है कि खेती के लिए वेस्ट वॉटर का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए. किसानों को ऐसे गंदे पानी से फसलों की सिंचाई या बुआई जैसे कामों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. 

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