दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर और हवा में घुले जहर ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी हैं. जहरीली हवा की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आखों में जलन और गले में खराश जैसी शिकायतें हो रही हैं. दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद समेत एनसीआर के सभी इलाकों में प्रदूषण का स्तर गंभीर है. इस बीच मंगलवार को प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बेहद अहम निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि किसानों को फसल जाने के वैकल्पिक समाधान मुफ्त मुहैया कराने होंगे. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को आगे आना होगा. सुनवाई के दौरान ही पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह मशीनों की लागत का 25 फीसदी वहन करने को तैयार है.
केंद्र और राज्य उठाएंगे मशीन का खर्च
कोर्ट ने कहा कि पंजाब के साथ-साथ दिल्ली सरकार लागत का 25 फीसदी वहन करेगी. इसके साथ ही मशीनों की लागत का 50 फीसदी केंद्र वहन करेगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि जब केंद्र इतनी अधिक सब्सिडी देता है तो कोई कारण नहीं कि लागत वहन न की जाए. हालांकि, SC ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक अल्पकालिक उपाय है, क्योंकि किसान आर्थिक कारणों से पराली जला रहे हैं.
पूसा डी-कंपोजर पर SG ने कही ये बात
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने खुद सुझाव दिया है कि दिल्ली सरकार पूसा डी-कंपोजर की मदद से समस्या का समाधान करने में सफल साबित हुई है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में जवाब दाखिल किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने डीपीसीसी अध्यक्ष को अगली तारीख पर अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया.
स्मॉग टॉवर को तुरंत चालू करने के निर्देश
अदालत ने यह भी कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को दिल्ली में उन्नत वायु प्रदूषण प्रबंधन के लिए वास्तविक समय स्रोत विभाजन और पूर्वानुमान पर अध्ययन से डेटा तुरंत जारी किया जाए. SC ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के साथ-साथ दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को बाबा खड़क सिंह मार्ग, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली में स्थापित स्मॉग टॉवर को फिर से खोलने और चालू करने के निर्देश भी दिए.
चरणबद्ध तरीके से बद हो धान की खेती
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि धान की खेती चरणबद्ध तरीके से बंद की जानी चाहिए. धान को दूसरी फसलों के साथ रिप्लेस किया जाना चाहिए. केंद्र को वैकल्पिक फसलों के लिए एमएसपी देने के पहलू का पता लगाना चाहिए. धान की बुआई ही समस्या का आधार है. इसलिए वैकल्पिक फसलों पर स्विच करना चाहिए, ताकि अगले साल हमें इस समस्या का सामना न करना पड़े.
आज फिर होगी प्रदूषण के मामले पर सुनवाई
बता दें कि इस मामले पर भी आज (8 नवंबर) को भी सुनवाई होनी है. मंगलवार को कुछ समय के लिए दिल्ली के आनंद विहार का AQI 999 तक पहुंच गया था. हालांकि, देर रात 11 बजे यह कम होकर 599 हो गया. बता दें कि बुधवार की सुबह भी एयर क्वालिटी बेहद खराब दर्ज की गई है. दिल्ली के आनंद विहार का AQI 452, आरके पुरम का AQI 433 और पंजाबी बाग का AQI 460 दर्ज किया गया है.
सृष्टि ओझा