पटना हाईकोर्ट में 8 और जजों की नियुक्ति की सिफारिश, फिर भी इतने पद रहेंगे खाली

पटना हाईकोर्ट में 8 और जजों की नियुक्ति की सिफारिश की है. पिछले हफ्ते ही तीन जजों की नियुक्ति भी सिफारिश की गई थी. कुल 11 जजों की नियुक्ति की सिफारिश हो चुकी है. अगर सरकार से इन्हें मंजूरी मिलती है तो हाईकोर्ट में जजों की संख्या बढ़कर 30 हो जाएगी.

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पटना हाईकोर्ट (फाइल फोटो) पटना हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:24 PM IST
  • पटना हाईकोर्ट में 53 जजों के पद स्वीकृत
  • 8 और जजों की नियुक्ति की सिफारिश की

पटना हाईकोर्ट में दो और जजों के साथ 6 वकीलों की नियुक्ति की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की है. गुरुवार को हुई कॉलेजियम की बैठक में बिहार न्यायिक सेवा के दो अधिकारियों और 6 वकीलों को तरक्की देकर पटना हाईकोर्ट में नियुक्त करने की मंजूरी दी गई है. अब सरकार से इसकी मंजूरी मिलने का इंतजार है. 

कॉलेजियम ने पिछले हफ्ते ही तीन अलग-अलग हाईकोर्ट से तीन जजों का तबादला पटना हाईकोर्ट में जज के तौर पर करने की सिफारिश की थी और गुरुवार को भी 8 नाम जज के लिए भेज दिए गए हैं. इस तरह कुल 11 नामों को सरकार की मंजूरी के पास भेज दिया गया है. अगर इन सभी को मंजूरी मिल जाती है तो पटना हाईकोर्ट में जजों की संख्या 19 से बढ़कर 30 हो जाएगा. हालांकि, ये संख्या तब भी तय संख्या से कम रहेगी. पटना हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 53 है.

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जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने नवनीत कुमार पांडेय और सुनील कुमार पवार को पटना हाईकोर्ट में जज बनाए जाने की सिफारिश की है. इन दो न्यायिक सेवा के अधिकारियों के अलावा 6 वकीलों को भी पटना हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश की है. इनमें खतीम रेजा, संदीप कुमार, अंशुमान पांडेय, पूर्णेंदु सिंह, सत्यव्रत वर्मा और राजेश कुमार वर्मा के नाम शामिल हैं.

पटना हाईकोर्ट में जजों की संख्या लगभग आधी है. जजों की किल्लत की वजह से ही पटना हाईकोर्ट में पेंडिंग केस भी बढ़ते जा रहे हैं. मौजूदा समय में यहां 56 लाख से ज्यादा मामले सालों से पेंडिंग हैं. इनमे से 86 फीसदी मुकदमे साल भर से लेकर चार साल से ज्यादा समय से पेंडिंग हैं. जबकि 20 फीसदी मुकदमे यानी 12 लाख से ज्यादा केस 5 से 10 साल पुराने हैं. और 17 फीसदी यानी करीब 10 लाख केस की सुनवाई दस से बीस साल से अटके हैं.

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