झारखंड हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी- गिरफ्तारी पर क्या SOP, पुलिस को कानून तक नहीं मालूम

झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High court) ने पुलिस की कार्यशैली पर टिप्पणी करते हुए कहा कि झारखंड पुलिस को गिरफ्तारी संबंधी कानून का पूरा कैप्सूल कोर्स करवाना चाहिए. कोर्ट ने यह टिप्पणी एक हैवियस कॉपर्स के मामले में सुनवाई के दौरान की.

Advertisement
 Jharkhand High Court. Jharkhand High Court.

सत्यजीत कुमार

  • रांची,
  • 10 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:50 PM IST
  • कोर्ट ने कहा- पुलिस को कैप्सूल कोर्स करवाया जाए
  • बीते दिनों बिना गिरफ्तारी वारंट के आरोपी को ले गई थी मध्य प्रदेश पुलिस

झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने पुलिस (Police) की कार्यशैली पर गंभीर टिप्पणी की है. एक हैवियस कॉपर्स के मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि झारखंड पुलिस को गिरफ्तारी कानून भी मालूम नहीं है. इसी के साथ अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि झारखंड पुलिस को गिरफ्तारी संबंधी कानून का पूरा कैप्सूल कोर्स करवाना चाहिए.

Advertisement

दरअसल पूरा मामला बोकारो में मध्य प्रदेश की पुलिस द्वारा की गई एक आरोपी की गिरफ्तारी से जुड़ा है. याचिकाकर्ता के मुताबिक, आरोपी को सभी प्रक्रिया पूर्ण किए बिना गिरफ्तार कर लिया गया. इसके साथ ही पूरी जानकारी परिवार वालों से शेयर नहीं की गई. राज्य पुलिस ने बगैर तमाम कानूनी औपचारिकताएं पूरी किए MP पुलिस को आरोपी को गिरफ्तार कर ले जाने दिया. लिहाज़ा कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

कोर्ट ने राज्य सरकार से कई बिंदुओं पर मांगा जवाब

अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की कोई बातें सामने न आएं. इसलिए कैप्सूल कोर्स ज़रूरी है. पुलिस को हर पहलू की जानकारी होनी चाहिए. न्यायाधीश एस चंद्रशेखर एवं न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा की अदालत में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दायर किए गए शपथ पत्र को देखकर ऐसा लगता है कि पुलिस ने जानबूझकर दूसरे राज्य की पुलिस को अभियुक्त को ले जाने दिया है, जो कि गलत है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार से कई बिंदुओं पर जवाब मांगा है.

Advertisement

आरोपी के परिजन को नहीं दी थी गिरफ्तारी की जानकारी

दरअसल, पिछले दिनों मध्य प्रदेश पुलिस के द्वारा बोकारो से एक व्यक्ति की गिरफ्तारी की गई थी, लेकिन उस गिरफ्तारी की पूरी जानकारी गिरफ्तार किए गए आरोपी के परिजन को नहीं दी गई थी. इसके बाद याचिकाकर्ता नीलम चौबे के द्वारा अधिवक्ता हेमंत सिकरवार के माध्यम से झारखंड हाईकोर्ट में हेवियस कॉपर्स दायर की गई थी.

अरेस्ट वारंट न होने पर भी किया था गिरफ्तार

24 नवंबर को मध्य प्रदेश पुलिस ने बोकारो से लॉ छात्र को गिरफ्तार किया था, लेकिन उसके परिजन को जानकारी नहीं दी गई थी. दायर याचिका में कहा गया है कि छात्र की गिरफ्तारी के वक्त पुलिस के पास सिर्फ सर्च वारंट था, जबकि अरेस्ट वारंट अनिवार्य है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement