'राष्ट्रीय सुरक्षा पर देरी नहीं, सीधी कार्रवाई जरूरी...', सेलेबी मामले को लेकर HC में बोली सरकार

जस्टिस सचिन दत्ता के समक्ष पेश हुए SG ने बताया कि सेलेबी को सीधे एयरक्राफ्ट तक पहुंच, वीआईपी मूवमेंट और फ्लाइट मूवमेंट से जुड़ा डाटा उपलब्ध होता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को संभावित खतरा हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि सेलेबी के जिम्मे कार्गो की स्क्रीनिंग सहित कई महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियां हैं, और इन्हीं कारणों से यह मामला संवेदनशील हो जाता है.

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सेलेबी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में हुई सुनवाई सेलेबी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

सृष्टि ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 22 मई 2025,
  • अपडेटेड 11:17 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट में सेलेबी ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी की उस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें उसने नागरिक उड्डयन सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के फैसले को चुनौती दी है. भारत सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने तर्क रखते हुए कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, और कोर्ट को यह समझना होगा कि कुछ परिस्थितियां इतनी असाधारण होती हैं कि तत्काल कार्रवाई ज़रूरी हो जाती है, अन्यथा देरी से उद्देश्य विफल हो सकता है.

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जस्टिस सचिन दत्ता के समक्ष पेश हुए SG ने बताया कि सेलेबी को सीधे एयरक्राफ्ट तक पहुंच, वीआईपी मूवमेंट और फ्लाइट मूवमेंट से जुड़ा डाटा उपलब्ध होता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को संभावित खतरा हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि सेलेबी के जिम्मे कार्गो की स्क्रीनिंग सहित कई महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियां हैं, और इन्हीं कारणों से यह मामला संवेदनशील हो जाता है.

यह भी पढ़ें: PAK की मदद करने वाला तुर्की भारत में संभाल रहा एयरपोर्ट्स पर हाई-सिक्योरिटी, सवालों के घेरे में सेलेबी एविएशन

एसजी की दलील

सॉलिसिटर जनरल ने यह भी जोड़ा कि नियमों के तहत आम तौर पर सुनवाई की आवश्यकता होती है और कारण दर्ज किए जाने चाहिए, लेकिन कुछ स्थितियां ऐसी होती हैं जब सुनवाई नहीं दी जा सकती क्योंकि समय की देरी से सुरक्षा पर असर पड़ सकता है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि "अभूतपूर्व" समय में, कार्रवाई करने से पहले सुनवाई या कारण बताना "उद्देश्य को नष्ट करता है" और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में या तो हम कुछ करते हैं या नहीं करते हैं लेकिन बीच में कुछ नहीं होता.

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उन्होंने कोर्ट को याद दिलाया कि पूर्व के मामलों में भी यह तय किया गया है कि यदि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हो, तो कुछ सूचनाएं याचिकाकर्ता के साथ साझा नहीं की जातीं. SG ने कहा, "यह कोई ब्रह्मास्त्र नहीं है जिससे सब कुछ रुक जाए, लेकिन सरकार की ओर से किया गया यह कदम पूरी तरह ज़रूरी था."

तुर्की की कंपनी है सेलेबी

कोर्ट ने पूछा कि क्या कंपनी के पास अनुच्छेद 19 के तहत मौलिक अधिकार हैं, जिस पर SG ने माना कि कंपनियों को ऐसा अधिकार नहीं मिलता. कोर्ट ने अंत में सभी पक्षों से कहा कि मामले की तात्कालिकता को देखते हुए इसे अंतिम बहस के लिए कल सूचीबद्ध किया जाएगा. याचिकाकर्ताओं को अपना जवाबी तर्क प्रस्तुत करने को कहा गया है.

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सेलेबी की वेबसाइट के अनुसार, भारत में सालाना लगभग 58,000 उड़ानें और 5,40,00 टन कार्गो संभालती है.सेलेबी, 15 वर्षों से अधिक समय से भारतीय विमानन क्षेत्र में काम कर रही है और 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार दे रही है, नौ हवाई अड्डों पर अपनी सेवाएं प्रदान करती है.

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