फर्जी दस्तावेज, कोर्ट ऑर्डर और 532 एकड़ जमीन... बेंगलुरु के पास बड़े वन भूमि घोटाले का खुलासा

कर्नाटक वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने बताया कि बेंगलुरु के बी एम कावल इलाके में 532 एकड़ वन और सरकारी भूमि पर जाली दस्तावेज पेश कर अदालत के आदेश धोखे से हासिल करने के आरोप में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी पर चिकमगलूर के मुदिगेरे में भी 512 एकड़ वन भूमि का फर्जी दस्तावेज से कब्जा करने का प्रयास करने का आरोप है.

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फर्जी दस्तावेजों से वन भूमि कब्जाने की कोशिश का हुआ खुलासा (File: Representational) फर्जी दस्तावेजों से वन भूमि कब्जाने की कोशिश का हुआ खुलासा (File: Representational)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:34 PM IST

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. बेंगलुरु पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है जिसपर बी एम कावल इलाके में 532 एकड़ वन और सरकारी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश के आरोप लगे हैं. साथ ही उसने फर्जी दस्तावेजों के सहारे कोर्ट से आदेश हासिल कर जमीन पर मालिकाना हक जताने की कोशिश की.

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मंगलवार को राज्य के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने भी इसे लेकर जानकारी साझा की है. उन्होंने बताया कि वन और सरकारी जमीन पर कब्जे की एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है और आरोपी की गिरफ्तारी की गई है. 

मंत्री के अनुसार, आरोपी की पहचान वन और सरकारी जमीन पर कब्जे की एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ. यह पहली बार नहीं है कि आरोपी ने ज़मीन कब्जाने की इस तरह की कोशिश की हो. 

इससे पहले भी वह चिक्कमगलुरु जिले के मुडीगेरे इलाके में 512 एकड़ और 26 गुंटा वन और सरकारी जमीन पर फर्जी रिकॉर्ड के आधार पर दावा कर चुका था. 

अब इस मामले में 28 नवंबर को मुडीगेरे सर्कल पुलिस स्टेशन में एक सहायक वन संरक्षक ने शिकायत दर्ज कराई थी. इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने एफआईआर की और आरोपी को गिरफ्तार किया. 

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आरोपी के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 465, 468, 469 और 471 के साथ-साथ कर्नाटक भूमि राजस्व अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. 

मंत्री ईश्वर खंड्रे ने कहा कि जैसे-जैसे मामले की जांच आगे बढ़ेगी, उससे धीरे-धीरे साफ़ हो जाएगे कि इस पूरे मामले में और कौन-कौन लोग शामिल हैं. 

मंत्री ने कड़े कदम उठाने की चेतावनी देते हुए कहा कि जाली दस्तावेजों का उपयोग कर वन भूमि पर कब्जा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और इस घटना को एक "जगरूपता का संकेत" बताया.

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