>बंटी- नर्स बार-बार कह रही थी, डरो मत कुछ नहीं होगा हिम्मत रखो, कुछ नहीं होगा.
ये तो बस एक छोटा सा ऑपरेशन है.
सोनू- तो इस में डरने की क्या बात है? सही तो कह रही थी.
बंटी- अबे, वो मुझसे नहीं डॅाक्टर से कह रही थी...
>वीरू- सुना है कि शादियां आसमान में ही तय हो जाती हैं,
जय- बिल्कुल ठीक, लेकिन यह भी याद रखना कि
तूफान और बिजली भी आसमान से ही कड़कती हैं...
>पत्नी- तुम मुझे सोते हुए गाली दे रहे थे
पति- नहीं तुम्हें कोई गलतफहमी हुई है
पत्नी- क्या गलतफलमी?
पति- यही, ''कि मैं सो रहा था''
तब से वाकई में पति की नींद गायब है...
>एक आदमी अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए अस्पताल लेकर गया,
अस्पताल ने 20,000 रुपये मांगें,
आदमी बोला-अगर दो बच्चे जुड़वा हो गये, तो कितनी छूट दोगे?
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>बब्ली- मेरे पापा तो बहुत ही डरपोक किस्म के इन्सान हैं,
जब भी बरसात में जोर से बिजली चमकती है, तो वो पलंग के नीचे घुस जाते हैं,
बंटी- मेरे पापा तो इससे भी ज्यादा डरते हैं,
मेरी मम्मी जब भी नानी के घर जाती हैं,
तो पास वाली आंटी के घर सोने चले जाते हैं...
>टीचर- बच्चों बताओ अगर रात में मच्छर काटे तो क्या करना चाहिए.
चिंटू-चुपचाप खुजा कर सो जाना चाहिए.
क्योंकि आप रंजनीकांत तो हो नहीं कि मच्छर से सॉरी बुलवा लोगे...
>डॉक्टर- तुम रोज सुबह क्लीनिक के बाहर खड़े होकर औरतों को क्यों घूरते हो?
गप्पू- जी आपने ही तो लिखा है,' औरतों को देखने का समय सुबह 9 बजे से 11 बजे तक...
>लड़की वाले शादी के लिए देखने आ रहे थे.
पापा-बेटा लड़की वाले आ रहे हैं, उनके सामने थोड़ी लंबी-लंबी फेंकना.
लड़की वालों के आते ही.
बेटा-पापा जरा चाबी देना, वो ट्रेन धूप में खड़ी है, अंदर कर देता हूं.
पापा बेहोश...
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य कतई नहीं है.)
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