मायावती ने कहा कि मुझे महज तीन मिनट का वक्त दिया जा रहा है. आखिर इतने महत्वपूर्ण मसले पर मेरी बात क्यों नहीं सुनी जा रही. लानत है ऐसी सदस्यता पर कि जिस समाज से मैं आती हूं उसी की बात सदन में नहीं रख पा रही. मुझे ऐसी सदस्यता नहीं चाहिए. मैं अभी इससे इस्तीफा देती हूं. मायावती ने उपसभापति से कहा कि ये जीरो ऑवर नहीं है फिर कैसे उनकी बात महज तीन मिनट तक सीमित की जा सकती है. आखिर सहारनपुर में जो कुछ हो रहा है वो सब उन्हें क्यों नहीं बताने दिया जा रहा. मायावती के इस तेवर को देख सरकार की ओर से मुख्तार अब्बास नकवी खड़े हुए.