तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली सायरा बानो को उत्तराखंड सरकार ने दिया ये पद

सायरा बानो की लड़ाई के बाद ही तीन तलाक का मुद्दा राष्ट्रीय मसला बन पाया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के रास्ते ये एक कानून में बदल गया और अब तीन तलाक गैर कानूनी है.

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उत्तराखंड सरकार ने सायरा बानो को बनाया महिला आयोग का उपाध्यक्ष उत्तराखंड सरकार ने सायरा बानो को बनाया महिला आयोग का उपाध्यक्ष

दिलीप सिंह राठौड़

  • देहरादून,
  • 21 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 8:48 AM IST
  • उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला
  • सायरा बानो को बनाया गया महिला आयोग का उपाध्यक्ष

तीन तलाक के मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाकर देशभर में इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली सायरा बानो को उत्तराखंड की सरकार ने सम्मान दिया है. उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने सायरा बानो को राज्य महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाया है, साथ ही राज्य मंत्री का दर्जा भी दिया गया है. मुख्यमंत्री ने खुद ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी. 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट में पहली बार तीन तलाक के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाने वाली सायरा बानो जी को राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष, अल्मोड़ा की श्रीमती ज्योति मिश्रा शाह जी को उपाध्यक्ष और चमोली की श्रीमती पुष्पा पासवान जी को उपाध्यक्ष (तृतीय) बनाया है. सभी को हार्दिक शुभकामनाएं.

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काशीपुर की रहने वाली सायरा बानो ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी. और उसके कुछ दिन बाद ही उन्हें ये पद दे दिया गया. उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के मुताबिक, सायरा बानो ने तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और अब वो भाजपा की विचारधारा को आगे बढ़ाएंगी.  

सुप्रीम कोर्ट में पहली बार तीन तलाक के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाने वाली सायरा बानो जी को राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष, अल्मोड़ा की श्रीमती ज्योति मिश्रा शाह जी को उपाध्यक्ष और चमोली की श्रीमती पुष्पा पासवान जी को उपाध्यक्ष (तृतीय) बनाया है। सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। pic.twitter.com/USwJNYQ3Ym

— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) October 20, 2020

आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन तलाक कानून की नींव सायरा बानो के याचिका डालने के बाद ही पड़ी थी. सायरा बानो ने तीन तलाक खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद उसपर तीखी बहस चली. और अदालत के रास्ते ये एक कानून बन गया और अब देश में तीन तलाक गैर-कानूनी हो चुका है. 

केंद्र सरकार के कानून के मुताबिक, अब किसी महिला को बोलकर तीन तलाक नहीं दिया जा सकता है वो मान्य नहीं होगा. अगर कोई ऐसा करता है तो उसे जेल भी हो सकती है. 

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